ओरलैंडो. अहंकारी और अक्खड़ किस्म के बॉस अक्सर हीन भावना का शिकार होते हैं और अपनी नाकामियों और अक्षमताओं को छुपाने के लिए अपने मातहत पर जानबूझ कर दबाव बनाते हैं, जिससे न सिर्फकार्यस्थल पर कामकाज का माहौल खराब होता है बल्कि इससे पूरे दफ्तर को भी नुकसान पहुंचता है.अमेरिका के एकरान और मिशिगन विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान विषय में अनुसंधान कर रहे वैज्ञानिकों ने अपने ताजा शोध रिपोर्ट में यह खुलासा किया है. वैज्ञानिकों ने कार्यस्थल में अधिकारियों में अहंकार का स्तर नापने के लिए वर्क प्लेस एरोगैंस स्केल के नाम से एक पैमाना तैयार किया है. इस पैमाने पर अहंकार का स्तर नाप कर उनके व्यक्तित्व के बारे में निष्कर्ष निकाला जाता है.शोधदल के मुखिया प्रोफेसर स्टेनली सिल्वरमैन के अनुसार अहंकार का इस्तेमाल लोग अपनी नाकामियां छुपाने और दूसरों से खुद को ज्यादा समझदार और बुद्धिमान साबित करने के लिए करते हैं. इसे एक तरह से दूसरे प्रतिभाशाली लोगों से सीधे मिलने वाली प्रतिस्पर्धा से बचाव के लिए रक्षा कवच के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. हीन भावना से ग्रस्त बॉस अक्सर इसका इस्तेमाल करते हैं. यही वजह है कि कामकाज में कुशल और प्रतिभाशाली बॉस हमेशा ही शालीन और शांत स्वभाव के होते हैं.
अहंकारी बॉस होते हैं हीन भावना से ग्रस्त!
ओरलैंडो. अहंकारी और अक्खड़ किस्म के बॉस अक्सर हीन भावना का शिकार होते हैं और अपनी नाकामियों और अक्षमताओं को छुपाने के लिए अपने मातहत पर जानबूझ कर दबाव बनाते हैं, जिससे न सिर्फकार्यस्थल पर कामकाज का माहौल खराब होता है बल्कि इससे पूरे दफ्तर को भी नुकसान पहुंचता है.अमेरिका के एकरान और मिशिगन विश्वविद्यालय […]
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