इटखोरी. इटखोरी व मयूरहंड प्रखंड में बुंदेला जाति के वोटरों ने जिसे चाहा, उसका झंडा बुलंद रहा. यही कारण था कि स्व उपेंद्र नाथ दास ने इस क्षेत्र का चार बार प्रतिनिधित्व किया. 2000 के विस चुनाव में राजद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले योगेंद्र बैठा मात्र 20 हजार वोट लाकर विधायक बन गये. उस समय बैठा को 18 हजार वोट इटखोरी क्षेत्र से मिले थे. योगेंद्र बैठा के साथ बुंदेला राजपूत जाति का यंग ब्रिगेड काम कर रहा था. इस जाति के लोगों का समाज के अन्य वर्गों में भी अच्छी पकड़ है. इटखोरी व मयूरहंड प्रखंड में बुंदेला राजपूत मतदाताओं की संख्या लगभग 25-30 हजार बतायी जाती है. इनका वोट एक तरफा पड़ा, तो उस प्रत्याशी की जीत लगभग तय मानी जाती है. समय पर सब स्पष्ट होगा: योगेंद्र भाजपा प्रत्याशी सुजीत भारती के मामा पूर्व विधायक योगेंद्र बैठा अभी तक तटस्थ है. उन्होंने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले है. उनके समर्थक भी चुप है. इस संबंध में श्री बैठा ने सिर्फ इतना कहा कि समय पर सब स्पष्ट हो जायेगा.
इटखोरी व मयूरहंड में बुंदेला जाति का है दबदबा
इटखोरी. इटखोरी व मयूरहंड प्रखंड में बुंदेला जाति के वोटरों ने जिसे चाहा, उसका झंडा बुलंद रहा. यही कारण था कि स्व उपेंद्र नाथ दास ने इस क्षेत्र का चार बार प्रतिनिधित्व किया. 2000 के विस चुनाव में राजद प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ने वाले योगेंद्र बैठा मात्र 20 हजार वोट लाकर विधायक बन […]
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