एजेंसियां, नयी दिल्लीरेलवे ट्रैक पर जल्दी ही प्राइवेट पार्सल ट्रेनें दौड़ेंगी. आधारभूत संरचना में निवेश आकर्षित करने के लिए रेल मंत्रालय ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर कम व्यस्त रूट पर निजी ट्रेनों को चलाने की अनुमति देने का फैसला किया है. मंत्रालय ने 10 नवंबर को इससे जुड़ी नयी नीति को मंजूरी दे दी.इसमें कहा गया है कि श्रेणी-1 में कम से कम 20 और अधिकतम 24 वैगनवाले सामान्य सेवा पार्सल ट्रेन सेवा शुरू की जा सकेगी, जबकि श्रेणी-2 में कम से कम 14 और अधिकतम 24 वैगन के विशेष ट्रेन मसलन रेफ्रिजरेटेड वैन, मिल्क टैंकर आदि चलाये जा सकेंगे. दोनों श्रेणी के रेकवाली सेवा शुरू करने की भी अनुमति दी जायेगी.रेलवे इस वक्त कोयला, आयरन ओर, सीमेंट और खाद्य पदार्थ के परिवहन में ही व्यस्त है. ऐसे में बड़ी संख्या में ऐसे उत्पाद हैं, जो सड़क से ढोये जाते हैं. साथ ही रेलवे पर आरोप लगते रहे हैं कि वह इसका समाधान नहीं तलाश रही.यहां बताना प्रासंगिक होगा कि फरवरी, 2012 में यूपीए सरकार में रेल मंत्री रहे मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस योजना की घोषणा की थी. जुलाई में इस नीति का ड्राफ्ट तैयार हुआ और 16 रेलवे जोन की राय मांगी गयी. 10 नवंबर से यह नीति प्रभाव में आ गयी है.जरूरी शर्तेंत्रसुरक्षा और गुणवत्ता मानकों पर उतरना होगा खरात्रनिवेशक के पास अपना वैगन और ट्रेन होना जरूरीसरकार देगी सुविधानिजी वैगनों के रख-रखाव के लिए सरकार पांच फीसदी मेंटनेंस चार लेगी. हर तीन साल में इसकी समीक्षा की जायेगी.रिपेयरिंग खर्चदुर्घटना की स्थिति में जो भी जिम्मेवार होगा (निवेशक या रेलवे) को रिपेयरिंग खर्च वहन करना होगा.फायदात्रविशेष पार्सल वैन चलाने से यात्री ट्रेनों को देर तक रोकने की जरूरत नहीं होगी. इससे यात्रा समय में अनावश्यक देरी नहीं होगी. प्लेटफॉर्म भी बेवजह व्यस्त नहीं रहेंगे.त्रट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक, वेयरहाउसिंग, वैगन लीजिंग और मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को होगा लाभयह भी है विचारमेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में पार्सल वैन जोड़ दिये जायेंयोग्यताकंपनीज एक्ट 1956 के तहत पंजीकृत, ज्वाइंट वेंचर, पब्लिक सेक्टर कंपनी और कंपनियों का समूह, जिसकी संपत्ति 20 करोड़ रुपये या प्रति वर्ष 30 करोड़ रुपये का टर्न ओवर हो.आवेदन प्रक्रियानिवेशक को रेलवे मंत्रालय के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर (फ्रेट मार्केटिंग) को आवेदन करना होगा. चार फीसदी मेंटिनेंस स्पेयर्स और एक ब्रेक-वैन के साथ कम से कम एक रेक का ऑर्डर देना होगा.ढुलाई प्रभारट्रेन के प्रथम स्टेशन से गंतव्य स्थल की दूरी के आधार पर ढुलाई प्रभार तय किया जायेगा.संचालनविशेष पार्सल ट्रेनें तय मार्ग और तय समय पर चलेंगी. उपभोक्ता की ओर से हर तरह के टैक्स का भुगतान ट्रेन ऑपरेटर करेगा.
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रेलवे ट्रैक पर दौड़ेंगी प्राइवेट पार्सल ट्रेन
एजेंसियां, नयी दिल्लीरेलवे ट्रैक पर जल्दी ही प्राइवेट पार्सल ट्रेनें दौड़ेंगी. आधारभूत संरचना में निवेश आकर्षित करने के लिए रेल मंत्रालय ने पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर कम व्यस्त रूट पर निजी ट्रेनों को चलाने की अनुमति देने का फैसला किया है. मंत्रालय ने 10 नवंबर को इससे जुड़ी नयी नीति को मंजूरी दे दी.इसमें […]
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