नयी दिल्ली. नदियों को जोड़ने, जलाशयों की मरम्मत तथा जीर्णोद्धार और जल प्रबंधन का मुद्दा अगले सप्ताह शुरू होनेवाले सम्मेलन में उठेगा. इस सम्मेलन का मकसद नीतियों को और ज्यादा लोगों के अनुकूल तथा राज्यों की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जाना है. राज्य के सिंचाई मंत्रियों और अन्य पक्षों से विविध मसलों पर मशविरे के लिए जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री उमा भारती 20 नवंबर को तीन दिवसीय जल मंथन सम्मेलन का उदघाटन करेंगी. जल संसाधन मंत्रालय ने एक बयान में बताया, सम्मेलन का दूसरा दिन नदियों को जोड़ने संबंधी मुद्दे पर समर्पित होगा, क्योंकि इस कार्यक्रम के प्रति सिविल सोसाइटी और पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करनेवाले समूहों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. यह सम्मेलन इस संबंध में संबंधित चिंताओं को दूर करने का मंच मुहैया करायेगा. पहले दिन मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे तीन फ्लैगशिप कार्यक्रमों पर विचार विमर्श होगा, जिसमें सिंचाई लाभ कार्यक्रम को बढ़ावा देना, जलाशयों की मरम्मत एवं जीर्णोद्धार तथा बाढ़ प्रबंधन कार्यक्रम है.
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जल मंथन सम्मेलन : नदियों को जोड़ने की योजना एजेंडे में
नयी दिल्ली. नदियों को जोड़ने, जलाशयों की मरम्मत तथा जीर्णोद्धार और जल प्रबंधन का मुद्दा अगले सप्ताह शुरू होनेवाले सम्मेलन में उठेगा. इस सम्मेलन का मकसद नीतियों को और ज्यादा लोगों के अनुकूल तथा राज्यों की जरूरतों के हिसाब से तैयार किया जाना है. राज्य के सिंचाई मंत्रियों और अन्य पक्षों से विविध मसलों पर […]
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