तसवीर : अमित दास की मुशायरा में जमी महफिल रांची. अंजुमन इस्लामिया सभागार में आयोजित मुशायरा मेें शायरों ने एक से बढ़ कर एक गजल व शेरो-शायरी प्रस्तुत कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया. कटक से आये सईद अहसन ने किनारे बैठ कर डोर ना डाल, हमारे अहद में इंसान ढूंढते क्यों हो, जो खो गया है वो ईमान ढूंढते क्यों हो प्रस्तुत किया. हारुण खुमार रांचीवी ने नींद आंखों में जलाई है तो फिर लिखी है गजल,आग सीने में जलाई है तो फिर लिखी है गजल पेश किया. आसनसोल से आये परवेज आलम कासमी, मास्टर हम्माद मसूद, शौक जालंधरी, रेहाना नवाब, बुशरा सहर, सईद अहसन, शगुफ्ता सहसरामी, शान भारती, बसंत जोशी, नसीर अफसर, डॉ मकबूल मंजर, परवेज रहमानी, कुमार बृजेंद्र,डॉ सुरिंदर कौर नीलम, हारुन कुमार,वीणा श्रीवास्तव, मंजू शैल,अख्तर रांचवी सहित अन्य शायरों व हास्य कवियों ने शमा बांधा. कार्यक्रम में अंजुमन के अध्यक्ष इबरार अहमद, महासचिव मोख्तार अहमद, मानकीब सहजाद, फजल करीम, शाहिद अख्तर, तनवीर अहमद,शमी आजाद, अशफाक इकबाल सहित अन्य गण्यमान्य लोग उपस्थित थे.
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डोर ना डाल कर समुंदर में …..
तसवीर : अमित दास की मुशायरा में जमी महफिल रांची. अंजुमन इस्लामिया सभागार में आयोजित मुशायरा मेें शायरों ने एक से बढ़ कर एक गजल व शेरो-शायरी प्रस्तुत कर लोगों का भरपूर मनोरंजन किया. कटक से आये सईद अहसन ने किनारे बैठ कर डोर ना डाल, हमारे अहद में इंसान ढूंढते क्यों हो, जो खो […]
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