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नौकरी के लिए महिलाएं पुरु षों से बेहतर

बीबीसी का लोगोहाल ही में जारी की गयी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुशल और प्रतिभासंपन्न महिलाओं की तादाद बढ़ी है. रिपोर्ट में भारत के 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों के तीन लाख छात्रों का भी आकलन किया गया. इसमें पाया गया कि केवल 37 प्रतिशत स्नातक सेवा […]

बीबीसी का लोगोहाल ही में जारी की गयी भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआइआइ) की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुशल और प्रतिभासंपन्न महिलाओं की तादाद बढ़ी है. रिपोर्ट में भारत के 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों के तीन लाख छात्रों का भी आकलन किया गया. इसमें पाया गया कि केवल 37 प्रतिशत स्नातक सेवा योग्य हैं और महिलाएं पुरु षों से बेहतर हैं.संस्था ऑक्सफैम की रिपोर्ट के मुताबिक, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी के मामले में भारत जी-20 देशों में नीचे से दूसरे पायदान पर है. भारत इस रिपोर्ट में सिर्फ सऊदी अरब से बेहतर है जहां महिलाओं पर गाड़ी चलाने तक पर प्रतिबंध है. विश्व आर्थिक मंच के हिसाब से महिलाओं की आर्थिक भागीदारी में भारत 136 देशों में 124वें नंबर पर है. सभी ब्रिक्स राष्ट्रों की रैंकिंग भारत के मुकाबले कहीं ज्यादा है. भारत से नीचे के 12 देशों में राजनीतिक अस्थिरता वाले देश मिस्र, सीरिया और पाकिस्तान हैं. पेशेवर शिक्षा की बदौलतसेंटर फॉर वुमन डेवलपमेंट स्टडीज की इंद्राणी मजूमदार कहती हैं, आने वाले वक्त में महिलाओं के लिए नौकरी के अवसर और भी कम होते दिख रहे हैं. भारत में आय अर्जन करने वाले कार्यबल में महिलाओं की संख्या 22 प्रतिशत से भी कम है. सरकारी क्षेत्र में तो यह सिर्फ 18 प्रतिशत है. सोमवार को जारी हुई इस रिपोर्ट के मुताबिक, स्नातकों में 38 प्रतिशत महिलाएं और 34 प्रतिशत पुरु ष सेवा योग्य हैं. यह रिपोर्ट सीआइआइ, कंसल्टिंग फॉर्म्स व्हीबॉक्स, पीपलस्ट्रांग और लिंक्ड-इन द्वारा तैयार की गयी है. मजूमदार कहती हैं, आंकड़ों के मुताबिक भारत में 86 प्रतिशत महिलाएं पूरी तरह आर्थिक रूप से निर्भर हैं और किसी भी रोजगार या आय के बिना हैं. एक तरफ लड़कियों में स्कूली और पेशेवर शिक्षा बढ़ रही है तो दूसरी तरफ लाखों महिलाओं को नौकरी की तलाश रहेगी. अगर सरकार और नीति निर्माताओं ने इस पर ध्यान नहीं दिया तो स्थितियां और खराब होंगी.कुल कार्य बल का एक तिहाई हिस्सा भी नहींभारत के जॉब प्रिडिक्शन सर्वे के मुताबिक, उद्योग क्षेत्रों में लिंग अनुपात 68:32 है, जो पिछले साल के मुताबिक बेहतर है. हालांकि रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जतायी गयी है कि महिलाएं आज भी भारत में कुल कार्य बल का एक तिहाई हिस्सा भी नहीं हैं. इंडिया स्किल रिपोर्ट के अनुसार, हाल में पुरु षों के बनिस्पत महिलाएं ज्यादा सेवा योग्य हैं. राजस्थान और हरियाणा जैसे राज्यों में भी जहां पुरु ष-महिला अनुपात कम है, वहां भी महिला कार्यबल बड़ी तादाद में उपलब्ध है. भारत में केरल, पश्चिम बंगाल, गुजरात, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा सेवा योग्य महिला कार्यबल पाया गया.(बीबीसी से साभार)

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