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उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक के प्रबंधक की संदेहास्पद स्थिति में मौत

मधेपुरा. जिले में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की एक शाखा के प्रबंधक मंगलवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाये गये. पुलिस उपाधीक्षक रहमत अली ने बताया कि वीरेंद्र कुमार सिन्हा (50) का शव उनके बंैक परिसर स्थित आवास के एक कमरे से बरामद किया गया है. सहरसा जिला निवासी वीरेंद्र कुमार सिन्हा के परिजनों ने […]

मधेपुरा. जिले में उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की एक शाखा के प्रबंधक मंगलवार रात संदिग्ध परिस्थितियों में मृत पाये गये. पुलिस उपाधीक्षक रहमत अली ने बताया कि वीरेंद्र कुमार सिन्हा (50) का शव उनके बंैक परिसर स्थित आवास के एक कमरे से बरामद किया गया है. सहरसा जिला निवासी वीरेंद्र कुमार सिन्हा के परिजनों ने उनकी हत्या की आशंका जतायी है. पुलिस ने फारेंसिक टीम की सहायता से मामले की जांच शुरू कर दी है.पटना पुस्तक मेले में दी जायेगी फिल्म निर्माता गिरीश रंजन को श्रद्धांजलिनयी दिल्ली. राजधानी में चल रहे पटना पुस्तक मेले में फिल्म निर्माता को श्रद्धांजलि देने के लिए ‘कल हमारा है’ फिल्म का प्रदर्शन किया जायेगा. बिहार की पहली हिंदी फिल्म ‘कल हमारा है’का निर्माण करनेवाले 80 वर्षीय फिल्म निर्माता गिरीश रंजन का निधन नौ नवंबर को हो गया था. शेखपुरा जिले में 1934 में जन्मे रंजन दिल की बीमारी के चलते अस्पताल मेें भरती थे. फिल्म समीक्षक और उनके मित्र विनोद अनुपम ने बताया कि फिल्म निर्माता रंजन ने सत्यजीत रे, मृणाल सेन और तपन सिन्हा जैसी फिल्मी हस्तियों के सहायक निर्देशक के तौर पर अपना कैरियर शुरू किया. रंजन वापस बिहार लौटे और वहां के अभिनेताओं, सहायकों और तकनीशियनों के साथ मिल कर उन्होंने 1978 में ‘कल हमारा है’ फिल्म बनायी. इस फिल्म में कुणाल सिंह मुख्य भूमिका में थे. मुंबई में रहनेवाले निर्देशक नितिन चंद्रा ने कहा कि गिरीश रंजन की मृत्यु से सिनेमा की आनेवाली पीढ़ी का नुकसान हुआ है. वे हमेशा उन्हें प्रशिक्षित करते थे और उनकी मदद करते थे.

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