आनेवाली सरकार रोजगार मुहैया करानेवाली हो लाइफ रिपोर्टर @ रांची14 सालों में राज्य में जितनी बार सरकारें बनीं, सभी ने अपनी झोली भरने पर अधिक ध्यान दिया. एक भी सरकार ने जनहित कायार्ें को प्राथमिकता नहीं दी. वर्ष 2000 में अलग राज्य बना, तो लगा कि अब यहां की हालत में सुधार होगा. हमारे पास प्राकृतिक संसाधनों का अकूत भंडार है. इसका उपयोग कर उद्योगों को बढ़ावा दिया जायेगा. रोजगार के अवसर बढ़ेंेगे, लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हुआ. हमारे समकालीन राज्यों ने तरक्की की, लेकिन हम पीछे रहे. हमारे राज्य की ऐसी स्थिति के लिए जनप्रतिनिधियों में काम करने की इच्छाशक्ति का अभाव ही मुख्य कारण रहा. आने वाली सरकार से हमें यहीं उम्मीद है कि यह युवाओं के लिए रोजगार के रास्ते खोलेगी. सरकारी विभागों में ही नौकरी मिले, इसकी जरूरत नहीं, उद्योगों को बढ़ावा देने से बड़े पैमाने पर बेरोजगार युवाओं को नौकरी मिलेगी. सरकारी स्कूलों की पढ़ाई में सुधार किया जाना चाहिए. आशा है आनेवाली सरकार पिछली सरकार की तरह केवल प्लानिंग ही नहीं करे बल्कि धरातल पर काम भी करेगी. स्कूलों में प्रशिक्षित शिक्षकों की नियुक्ति करें. प्रभात खबर के मतदाता जागरूकता अभियान आओ हालात बदलें के तहत युवाओं ने लाइफ @ रांची के समक्ष अपने विचार व्यक्त किये. सुरेश उरांव : आनेवाली सरकार से उम्मीद करते हैं कि रोजगार की कमी को दूर करने के लिए काम करेगी. अच्छे प्रोफेशनल संस्थानों को खोलने की दिशा में काम करेगी. साथ ही सरकार शैक्षणिक संस्थाओं की दशा में सुधार के लिए जमीनी योजनाएं बनाये. जनप्रतिनिधि व्यक्तिगत स्वार्थ से परे हो कर काम करें. डबलू कुमार : युवाओं का पलायन रोकने के लिए राज्य में अवसर मुहैया कराने की जरूरत है. इस राज्य के गांव से बड़े पैमाने पर युवक-युवतियां दूसरे राज्यों में काम की तलाश में जाते हैं. यहां पर स्वरोजगार को बढ़ावा देने की जरूरत है. महिलाओं के बीच कुटीर उद्योग को बढ़ावा देनेवाली सरकार की आवश्यकता है. रंजन पाठक : राज्य में निष्पक्ष व स्थिर सरकार की आवश्यकता है. ऐसी सरकार बने जो केवल प्लानिंग न करे बल्कि काम भी करे. गांव-गांव तक विकास को पहुंचाने की आवश्यकता है. इस बार के चुनाव का रोजगार ही महत्वपूर्ण एजेंडा बनना चाहिए. सुनील कुमार सिन्हा : राज्य में कई ऐसे गांव है, जहां पेयजल नहीं है. लोग आज भी छोटी नदियों व नालों का पानी पीने को विवश हैं. पेयजल की व्यवस्था करने की जरूरत है. सरकार ऐसी हो, जो खेती को बढ़ावा देने की दिशा में पहल करे. सरकार की प्लानिंग कुछ ऐसी बने कि हर हाथ को काम मिल जाये. मनोज कुमार : सरकारी विभागों की कार्यप्रणाली में सुधार नहीं, बल्कि परिवर्तन की जरूरत है. सरकारी कार्यालयों में जेब खर्च व लेन-देन की प्रणाली को बंद करने की जरूरत है. कार्यालयों में इ-फॉर्मेट के तहत काम हो. आनेवाली सरकार ऐसी व्यवस्था करे कि हर विभाग में पारदर्शिता हो.
रोजगार ही है युवाओं की मांग
आनेवाली सरकार रोजगार मुहैया करानेवाली हो लाइफ रिपोर्टर @ रांची14 सालों में राज्य में जितनी बार सरकारें बनीं, सभी ने अपनी झोली भरने पर अधिक ध्यान दिया. एक भी सरकार ने जनहित कायार्ें को प्राथमिकता नहीं दी. वर्ष 2000 में अलग राज्य बना, तो लगा कि अब यहां की हालत में सुधार होगा. हमारे पास […]
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