11.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एलएनटी करेगी रांची शहरी जलापूर्ति योजना का बचा काम

सरकार से हुआ समझौता290.46 करोड़ रुपये का मिला बचा हुआ काम, निविदा की राशि से 26.11 प्रतिशत अधिक का इस्टीमेट स्वीकृत10 अक्तूबर 2014 को कैबिनेट ने दी है स्वीकृतिदीपक, रांचीराजधानी रांची की शहरी जलापूर्ति योजना का बचा हुआ काम अब लार्सन एंड टूब्रो (एलएनटी) करेगी. एलएनटी को बचा हुआ काम 290.46 करोड़ में करने का […]

सरकार से हुआ समझौता290.46 करोड़ रुपये का मिला बचा हुआ काम, निविदा की राशि से 26.11 प्रतिशत अधिक का इस्टीमेट स्वीकृत10 अक्तूबर 2014 को कैबिनेट ने दी है स्वीकृतिदीपक, रांचीराजधानी रांची की शहरी जलापूर्ति योजना का बचा हुआ काम अब लार्सन एंड टूब्रो (एलएनटी) करेगी. एलएनटी को बचा हुआ काम 290.46 करोड़ में करने का कार्यादेश भी पेयजल और स्वच्छता विभाग की ओर से मिल चुका है. एलएनटी को 26.11 प्रतिशत अधिक की दर पर कार्यादेश दिया गया है. एलएनटी बचे हुए कार्य को 28 महीने में पूरा करेगी. राज्य मंत्रिमंडल की 10 अक्तूबर की बैठक में एलएनटी से काम कराने की स्वीकृति भी दी गयी. यह काम पहले हैदराबाद की कंपनी आइवीआरसीएल को मार्च 2010 में दिया गया था. 30 महीने में आइवीआरसीएल ने 23.71 करोड़ की योजना में से मात्र 40 फीसदी काम ही पूरा किया. जलापूर्ति योजना के काम की धीमी प्रगति और अन्य कारणों को लेकर सरकार ने जून 2013 में आइवीआरसीएल को काली सूची में डालते हुए दुबारा बचे हुए काम की निविदा निकालने का निर्णय लिया. इसके बाद तैयार किये गये इस्टीमेट में 88 करोड़ से अधिक की बढ़ोतरी भी की गयी. जेएनयूआरएम के तहत मिली थी योजनायह योजना जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय शहरी पुनरुद्धार योजना (जेएनयूआरएम) के तहत दी गयी थी. केंद्र सरकार ने 80 : 20 के अनुपात में इस योजना के तहत राशि दी थी. केंद्र से 288 करोड़ की योजना को तकनीकी स्वीकृति दी गयी थी. रिंग रोड से सटे इलाकों में हो पायेगी जलापूर्तियोजना के पूरा होने से राजधानी के रिंग रोड से सटे नगर निगम के इलाकों में जलापूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी. योजना में 114 मिलियन लीटर प्रति दिन पानी की आपूर्ति की जायेगी. इसमें नामकुम, घाघरा, डिबडीह, कुसई कालोनी, पुनदाग, मोरहाबादी का कुछ हिस्सा, सुवर्णरेखा डैम से लेकर रामपुर हाट तक का इलाका, अरगोड़ा से पुनदाग का इलाका, हटिया, तुपुदाना और अन्य इलाका शामिल है. इस योजना के तहत छह ओवर हेड टावर पुनदाग, डिबडीह, तुपुदाना, हटिया और अरगोड़ा में बनाया जाना है. यह सभी कार्य अधूरे पड़े हैं.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें