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मैट्रिक में बदलेगा साइंस परीक्षा का पैटर्न (पेज तीन लीड)

फोटो 14 नाम से सिटी में फोल्डर सेव हैजैक में जारी है तीन दिवसीय कार्यशाला एनसीइआरटी के विशेषज्ञ व शिक्षक कर रहे हैं मंथन संवाददाता रांची/नामकुम. राज्य में मैट्रिक की परीक्षा में गणित व साइंस के प्रश्न पत्रों के पैटर्न में परिवर्तन के लिए मंथन किया जा रहा है. इसके लिए जैक में तीन दिवसीय […]

फोटो 14 नाम से सिटी में फोल्डर सेव हैजैक में जारी है तीन दिवसीय कार्यशाला एनसीइआरटी के विशेषज्ञ व शिक्षक कर रहे हैं मंथन संवाददाता रांची/नामकुम. राज्य में मैट्रिक की परीक्षा में गणित व साइंस के प्रश्न पत्रों के पैटर्न में परिवर्तन के लिए मंथन किया जा रहा है. इसके लिए जैक में तीन दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया है. मंगलवार को एनसीइआरटी विषय विशेषज्ञ आर एस सिंधु व शशि प्रभा ने शिक्षकों को पठन-पाठन व प्रश्न पत्र तैयार करने के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी दी. कार्यशाला में गणित, भौतिकी, रसायन व जीव विज्ञान विषय के पाठ्यक्रम, प्रश्नों के पैटर्न व मूल्यांकन पद्धति पर विचार किया जा रहा है. इसमें एनसीइआरटी के तीन विषय विशेषज्ञ के साथ-साथ राज्य के सभी जिलों के दो-दो शिक्षक भाग ले रहे हैं. कार्यशाला में इस बात पर विचार किया जा रहा है कि गणित व साइंस की पढ़ाई व परीक्षा पैटर्न को और स्टूडेंट फ्रेंडली कैसे बनाया जाय. दोनों विषयों के वर्तमान प्रश्नपत्र में बदलाव पर भी विचार किया जा रहा है. इसके तहत एक अंक वाले प्रश्नों की संख्या बढ़ाने व तीन से अधिक अंक वाले प्रश्न को स्टेपवाइज प्रश्न में बदलने पर विचार किया जा रहा है. कार्यशाला के अंत में शिक्षक अपने विषय के मॉडल प्रश्नपत्र भी तैयार करेंगे. जिसकी जांच के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल प्रश्नों को अपने वेबसाइट पर जारी करेगी. इससे विद्यार्थियों को परीक्षा की तैयारी में आसानी होगी. कार्यशाला में दिये गये सुझाव का प्रस्ताव तैयार कर इसे जैक बोर्ड की बैठक में रखा जायेगा. बोर्ड की सहमति के बाद इसे लागू किया जायेगा. मेडिकल-इंजीनियरिंग पर फोकस गणित व साइंस के पैटर्न में बदलाव प्रतियोगिता परीक्षा को ध्यान में रखकर किया जा रहा है. मैट्रिक से ही गणित व साइंस के पाठ्यक्रम को मेडिकल व इंजीनियरिंग प्रतियोगिता परीक्षा के अनुरूप तैयार करने की योजना है. इसके तहत प्रश्न को भी उसी के अनुरूप बनाने की तैयारी की जा रही है. इसका उद्देश्य यह है कि झारखंड बोर्ड के अधिक से अधिक विद्यार्थी मेडिकल व इंजीनियरिंग की परीक्षा में सफलता प्राप्त कर सकें. इंटर में गत वर्ष हुआ था बदलाव झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा गत वर्ष इंटरमीडिएट साइंस की परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया गया था. इंटर साइंस की परीक्षा व मूल्यांकन पैटर्न में हुए बदलाव का रिजल्ट पर सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला था. इंटर साइंस के रिजल्ट में रिकार्ड बढ़ोतरी हुई थी. साइंस का रिजल्ट 50 फीसदी से अधिक हो गया. कोट झारखंड एकेडमिक काउंसिल राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता व रिजल्ट में सुधार करना चाहता है. इंटर में रिजल्ट सुधारने के लिए गत वर्ष किये गये प्रयास का असर इस वर्ष देखने को मिला. इंटर के बाद अब मैट्रिक के रिजल्ट को और बेहतर बनाने का प्रयास किया जा रहा है. जैक झारखंड के विद्यार्थियों को राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता के अनुरूप तैयार करना चाहता है. डॉ आनंद भूषण जैक अध्यक्ष

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