रांची : कर्मचारी राज्य बीमा निगम आदर्श अस्पताल (इएसआइ), नामकुम में मरीजों को घंटों इंतजार के बाद चिकित्सक नसीब होते हैं. पंजीयन की प्रक्रिया एवं चिकित्सक कक्ष तक पहुंचने में तीन से चार घंटे का समय लगना मामूली बात है. इतने समय तक मरीज तकलीफ झेलता रहता है.
मंगलवार को कुछ ऐसा ही नजारा था. पंजीयन कराने के लिए गेट तक मरीजों की लंबी लाइन लगी हुई थी. मरीज अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे. चिकित्सक कक्ष के पास महिला एवं पुरुषों की अलग लाइन लगी थी. कोई दो घंटे, तो कोई तीन घंटे से खड़ा था. शिकायत के बाद भी कोई सुन नहीं रहा था.
* मंगलवार को दिन के 11.30 बजे तक नहीं थे चिकित्सक
अस्पताल में ओपीडी की कक्ष संख्या 36 में मरीजों की लंबी कतार लगी हुई थी. चिकित्सक कक्ष में 11.30 बजे तक कोई नहीं था. चिकित्सक का कक्ष खाली था. मरीजों का कहना था कि वे दिन के 10 बजे से लाइन में लगे हुए हैं, लेकिन डेढ़ घंटे से वहां कोई चिकित्सक नहीं आया.
– मरीजों की शिकायत
* पंजीयन के लिए घंटों लाइन में खड़े रहना पड़ता है
* चिकित्सक कक्ष में भी घंटों लाइन में लगने के बाद ही उनसे मुलाकात होती है
* यहां से निकलने पर दवा के लिए भी एक से दो घंटे तक लाइन में लगे रहना होता है
पत्नी और हम दोनों बीमार हैं. पत्नी के हाथ में फ्रैक्चर है. वह भी लाइन में खड़ी है. मुझे सर्दी-खांसी है. हम सुबह दो घंटे से खड़े हैं, लेकिन नंबर नहीं आया है. यहां तो जब भी आओ ,समस्या ही रहती है
जगदीश महतो
* दो घंटा से खड़ा हूं, लेकिन पंजीयन की परची नहीं कटी है. हम तो परेशानी झेलते अब थक गये हैं. किसी से भी शिकायत करने से कोई फायदा नहीं होता है.
मुन्ना कुमार चौधरी
* परची पर कक्ष 36 में जाने को कहा गया है. यहां दो घंटा से खड़े हैं, लेकिन डॉक्टर साहब नहीं आये हैं. यहां जब भी आते हैं, ऐसा ही होता है. हम तो चाहते है कि कब इएसआइ से छुटकारा मिले. अभिमन्यु
– शिकायत नहीं मिली
जहां तक लाइन की बात है, मंगलवार को छुट्टी के बाद ओपीडी में छह सौ मरीज आये थे. डॉक्टर वार्ड में होंगे, हो सकता है इसलिए देर हुई हो. अस्पताल में फिलहाल स्टॉफ की कमी है. इससे परेशानी तो है ही, लेकिन कोई हमारे पास शिकायत करने नहीं आया.
डॉ एके शर्मा अधीक्षक इएसआइ अस्पताल