रांची : क्राइम कंट्रोल के लिए राजधानी और आस- पास के क्षेत्रों में सक्रिय अपराधियों के 105 गिरोह की सूची सिटी एसपी ने जुलाई में तैयार की थी. गिरोह में शामिल अपराधियों की संख्या 770 के करीब थी. जिनकी गतिविधियों पर निगरानी रखने, उनके ठिकानों पर छापेमारी करने का निर्देश सिटी एसपी ने थानेदारों को दिया था. हाल के दिनों में राजधानी में जो घटनाएं हुई. जिसमें डोरंडा थाना क्षेत्र से तीन सितंबर को अगवा कर बैंक कर्मी प्रसुन्न कुमार पाल की हत्या कर दी गयी.
हत्याकांड में राहुल त्रिवेदी का नाम सामने आया. जिसका आपराधिक रिकॉर्ड रांची पुलिस के पास पहले से था. इसके अलावा 18 सितंबर को लालपुर थाना क्षेत्र में लूट और हत्या की घटनाएं घटी. इसमें पेशेवर अपराधी के शामिल होने की बात सामने आयी. इससे स्पष्ट है कि घटना में शामिल अपराधियों का रिकॉर्ड पुलिस के पास पहले से होगा. इस वजह से यह स्पष्ट है कि सिटी एसपी ने थानेदारों को अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी रखने का जो निर्देश दिया था, उसमें थानेदार नाकाम साबित हो रहे हैं. अपराधियों की गतिविधियों पर निगरानी नहीं होने की वजह से घटनाएं हो रही हैं.
* डीआइजी के निर्देश पर तैयार हुई थी सूची
डीआइजी प्रवीण सिंह ने क्राइम कंट्रोल के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ जुलाई माह में बैठक की थी. बैठक के दौरान उन्होंने पाया था कि कुछ थानेदार अपने क्षेत्र में सक्रिय अपराधियों के बारे नहीं जानते हैं. इसके बाद उन्होंने अपराधियों की सूची तैयार करने का निर्देश पुलिस अफसरों को दिया था.
– क्या था उद्देश्य
* सभी पुलिस अफसर यह जान सकेंगे कि उनके क्षेत्र में कौन- कौन अपराधी सक्रिय हैं.
* थाना में नये थानेदार की पदस्थापना होने पर वे अपने क्षेत्र के अपराधियों को जान पायेंगे.
* थानेदारों को अपने थाना के अपराधियों के अलावा दूसरे थाना के अपराधियों की भी जानकारी बढ़ेगी.
* राजधानी में बाहर से कौन अपराधी आते हैं और किस क्षेत्र को टारगेट करते है, इसकी जानकारी मिलेगी.
* जेल से बाहर निकल कर सक्रिय होने वाले अपराधियों की भी पूरी जानकारी थानेदारों को मिल सके.