रांची: रांची विवि में लोअर डिवीजन क्लर्क (एलडीसी) व अपर डिवीजन क्लर्क (यूडीसी) की नियुक्ति कर्मचारी चयन पर्षद के माध्यम से होगी, जबकि सिर्फ चतुर्थ वर्गीय कर्मचारियों (पीयून) की नियुक्ति का अधिकार कुलपति के पास रहने दिया गया है.
1970 के बाद पहली बार विवि में क्लर्क ग्रेड में कोई भी नयी नियुक्ति, प्रोन्नति व योग्यता के लिए परिनियम का निर्धारण किया गया है. इसे डिप्टी रजिस्ट्रार डॉ प्रीतम कुमार ने तैयार किया है. विवि में तृतीय वर्ग की नियुक्ति का अधिकार पहले कुलपति के पास था, जिसे अब कर्मचारी चयन पर्षद को दे दिया गया. इससे संबंधित एक्ट में संशोधन के लिए सोमवार को विवि में कुलपति डॉ एलएन भगत की अध्यक्षता में नियम-परिनियम समिति की बैठक हुई.
नये नियम के तहत अब एलडीसी/यूडीसी में नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता स्नातक रखी गयी है, जबकि पीयून में नियुक्ति के लिए न्यूनतम योग्यता मैट्रिक रखी गयी है. चतुर्थ वर्ग से एलडीसी में नियुक्ति/प्रोन्नति के लिए पांच साल का अनुभव आवश्यक होगा. इसी प्रकार यूडीसी सहित सभी उच्च पदों पर प्रोन्नति के लिए भी पांच साल का अनुभव जरूरी होगा. विवि के कुछ पद प्रोन्नति के माध्यम से भरे जायेंगे. इसके लिए वरीयता, मेधा व योग्यता का ध्यान रखा जायेगा. यूडीसी के कुछ पदों को भरने के लिए सीमित परीक्षा का भी आयोजन किया जायेगा.
यह परीक्षा विवि के माध्यम से होगी. इसमें कम से कम तीन साल के अनुभव की जरूरत होगी. परीक्षा में बैठने के लिए दो ही चांस मिलेंगे. बैठक में शिक्षकेतर कर्मचारियों के भी कुछ पदों पर नियुक्ति व प्रोन्नति झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) द्वारा कराने पर सहमति बनी. इसमें बजट सह लेखा पदाधिकारी, सहायक अभियंता नियुक्ति सहित पद रिक्त रहने पर सेक्शनल ऑफिसर से सहायक कुलसचिव के कुल पदों के आधे पदों पर प्रोन्नति का अधिकार शामिल है. अब इसे सिंडिकेट सहित राज्य सरकार व कुलाधिपति के पास अंतिम स्वीकृति के लिए भेजा जायेगा. बैठक में प्रोवीसी, डीएसडब्ल्यू, डॉ प्रीतम कुमार, डॉ शैलेश सिन्हा, डॉ गंझू सहित अन्य सदस्य उपस्थित थे.