रांची: सोमवार को राजधानी का अधिकांश इलाका शाम छह बजे के बाद अंधेरे में डूब गया. पतरातू लाइन में आये जर्क के कारण पतरातू व तेनुघाट में उत्पादन ठप हो गया, जिससे राज्य में 400 मेगावाट बिजली की कमी हो गयी.
वैकल्पिक लाइन से बिजली लेकर किसी तरह आवश्यक सेवाएं बहाल की गयी. अधिकतर सब-स्टेशनों से बिजली की आपूर्ति देर रात तक तक बंद थी. 33 केवी हटिया-हरमू लाइन सोमवार को शाम सवा छह बजे से ब्रेक डाउन हो गया. इससे हरमू, किशोरगंज, हिंदपीढ़ी, पुरानी रांची, किशोरगंज, अपर बाजार व शहीद चौक में बिजली की आपूर्ति नहीं हो पायी.
विभागीय अधिकारी ने बताया कि हरमू में डिस्क फट जाने के कारण बिजली गुल हो गयी. कुसई सब-स्टेशन के डोरंडा सहित अन्य फीडरों से शाम सवा छह बजे से ही बिजली नहीं मिलने की सूचना है. टाटीसिल्वे सब-स्टेशन के टाटीसिल्वे, बुंडू, सिल्ली सहित बड़े इलाके में शाम साढ़े सात बजे से बिजली की आपूर्ति नहीं हुई.
कई इलाके में आपूर्ति बंद
बूटी मोड़ स्थित हनुमान नगर सहित अन्य इलाके में पिछले कई दिनों से बिजली की अनियमित आपूर्ति की शिकायत की गयी है. वहीं बूटी, ओरमांझी, विकास, शिरडो, बीआइटी सहित अन्य बड़े इलाके में शाम से ही बिजली की आपूर्ति बंद है. कांके सब-स्टेशन से भी बिजली की आपूर्ति बंद है. इससे कांके, पिठौरिया सहित बड़े इलाके में उपभोक्ताओं को बिजली नहीं मिल रही है.
सूत्रों के अनुसार पतरातू के यूनिट नंबर छह व दस से उत्पादन शुरू हो गया है. यूनिट नंबर चार से देर रात तक उत्पादन शुरू होने की संभावना है. देर रात में हटिया व नामकुम ग्रिड से बिजली की आपूर्ति सामान्य कर दी गयी.पतरातू-हटिया लाइन के अलावा 132 केवी लाइन से भी बिजली मिलने लगी है.
बार-बार जर्क का कारण
विभागीय अधिकारी के अनुसार तेनुघाट-बिहारशरीफ लाइन ब्रेकडाउन रहने के कारण बार-बार लाइन में जर्क आ रहा है. इससे बार-बार तेनुघाट व पतरातू ट्रिप कर जा रहा है. उन्होंने कहा कि जहां टावर गिरा है, वह हिस्सा बिहार में है. बिहार जब इस खराबी को ठीक करायेगा. उसके बाद ही बिजली की स्थिति सामान्य हो पायेगी.