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रांची : जमीन 5.22 एकड़, चान्हो अंचल ने किया 7.75 एकड़ का म्यूटेशन
लोकायुक्त के निर्देश पर जांच कर दंडाधिकारी ने भेजी रिपोर्ट रांची : जमीन के नाम पर अंचल कार्यालयों का खेल बंद नहीं हो रहा है. ताजा मामला रांची के चान्हो अंचल से जुड़ा है. इस मामले में गणेश गोप ने लोकायुक्त कार्यालय से शिकायत की थी. आरोप लगाया था कि वे और बलदेव गोप ने […]
लोकायुक्त के निर्देश पर जांच कर दंडाधिकारी ने भेजी रिपोर्ट
रांची : जमीन के नाम पर अंचल कार्यालयों का खेल बंद नहीं हो रहा है. ताजा मामला रांची के चान्हो अंचल से जुड़ा है. इस मामले में गणेश गोप ने लोकायुक्त कार्यालय से शिकायत की थी. आरोप लगाया था कि वे और बलदेव गोप ने चक्रधारी सिंह से 2.61 एकड़ जमीन मौजा बरहे, थाना नंबर 83 में लिया था. इसका ऑनलाइन म्यूटेशन के लिए सीओ प्रवीण कुमार को आवेदन दिया गया. म्यूटेशन के एवज में उन्होंने प्रति डिसमिल दो हजार रुपये की मांग की.
पैसा नहीं देने पर म्यूटेशन नहीं कर अड़ंगा लगाया गया. लोकायुक्त ने मामले में रांची डीसी से रिपोर्ट मांगी. डीसी ने दंडाधिकारी पवन कुमार को जांच कर रिपोर्ट देने की जवाबदेही सौंपी थी. पवन कुमार ने पहली बार ऑनलाइन जांच कर लोकायुक्त को 27 जून 2019 को रिपोर्ट भेजी. उसमें उन्होंने कुल जमीन 5.14 एकड़ बताया. इस पर शिकायतकर्ता की आपत्ति के बाद लोकायुक्त ने दंडाधिकारी को निर्देश दिया कि वे मामले का मैन्युअल विस्तृत जांच करें.
फिर दंडाधिकारी ने जांच कर लोकायुक्त को दोबारा रिपोर्ट भेजी. इसमें कहा गया कि ऑनलाइन खतियान में रकबा 5.25 डिसमिल जमीन है. जबकि मूल खतियान में जमीन 5.22 एकड़ है. वहीं चान्हो अंचल द्वारा 7.75 एकड़ जमीन का म्यूटेशन कर दिया गया है. चक्रधारी सिंह के नाम से 2.61 एकड़, नागेश्वर सिंह के नाम से 2.61 एकड़, शेख सिराज के नाम से 1.22 एकड़ जमीन और असीफा खातून के नाम से 1.31 एकड़ जमीन का म्यूटेशन किया गया है.
सीओ और अन्य कर्मियों पर हो सकती है कार्रवाई
सदर दंडाधिकारी की रिपोर्ट में इस बात का उल्लेख कहीं नहीं किया गया है कि म्यूटेशन के एवज में सीओ दो हजार रुपये प्रति डिसमिल की दर से पैसा मांग रहे थे.
लेकिन दंडाधिकारी की रिपोर्ट से साफ है कि कुल रकबा से काफी ज्यादा जमीन का म्यूटेशन किया गया है. म्यूटेशन कर्मचारी और सर्किल इंस्पेक्टर की रिपोर्ट के बाद सीओ म्यूटेशन करते हैं. ऐसे में जिन लोगों ने नियम विरुद्ध म्यूटेशन किया है, उनके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. बताया जा रहा है कि गड़बड़ी सामने आने के बाद बलदेव गोप और गणेश गोप द्वारा ली गयी जमीन का बंदोबस्ती करने के लिए सीओ कार्यालय द्वारा डीसीएलआर के यहां रिपोर्ट भेजी गयी है. मामले में अभी लोकायुक्त के कोर्ट का निर्णय आना बाकी है.
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