स्कूलों में कंप्यूटर एजुकेशन की योजना फेल बिना कंप्यूटर पाठ्यक्रम में शामिल हुआ विषय आइटी में पिछड़ रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे संवाददाता रांची : इनफॉरमेशन-टेक्नोलॉजी (आइटी) के जमाने में झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चे कंप्यूटर शिक्षा से दूर हैं. सरकारी विद्यालयों में प्लस टू स्तर तक कंप्यूटर पढ़ाई की कोई सुविधा नहीं है. इन बच्चों को कंप्यूटर की सामान्य जानकारी तक नहीं दी जाती. झारखंड के हाइस्कूलों में भी आइटी (सूचना प्रौद्योगिकी) पढ़ाई की योजना फेल हो गयी. स्कूल में भले ही कंप्यूटर नहीं हो पर सरकारी पाठ्यक्रम में आइटी विषय शामिल है. मैट्रिक स्तर पर प्रति वर्ष इसकी परीक्षा भी होती है. देश के सभी परीक्षा बोर्ड में आइटी पढ़ाई की व्यवस्था है. झारखंड में भी यह व्यवस्था है, पर केवल फाइलों में. हकीकत में स्कूलों में इस विषय के एक भी शिक्षक नहीं हैं, न ही इसकी किताब उपलब्ध है. सरकारी स्कूलों में कंप्यूटर भी नहीं है. कुछ स्कूलों में,जहां कंप्यूटर की व्यवस्था है वहां भी इसका उपयोग नहीं हो पाता. कक्षा नौ व दस के पाठ्यक्रम में आइटी शामिल है. पढ़ाई की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण आइटी पढ़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या काफी कम है. राज्य के उच्च विद्यालयों में कक्षा नौ व दस में लगभग दस लाख बच्चे पढ़ते हैं. गौरतलब है कि शत-प्रतिशत सीबीएसइ स्कूलों में आइटी की पढ़ाई होती है. वर्ष 2008 में शुरू हुई थी पढ़ाई झारखंड में वर्ष 2008 में परिचयात्मक सूचना प्रौद्योगिकी विषय की पढ़ाई शुरू की गयी. इस विषय को पाठ्यक्रम में एडिशनल विषय के रूप में शामिल किया गया था. आइटी की परीक्षा सौ अंकों की होती है. इसमें 40 अंक की लिखित व 60 अंकों की प्रायोगिक परीक्षा होती है. पढ़ाई शुरू करने का उद्देश्य सूचना प्रौद्योगिकी के बढ़ते महत्व को देखते हुए हाइस्कूलों में इसकी पढ़ाई शुरू की गयी थी, ताकि सरकारी स्कूल के बच्चे भी कंप्यूटर की पढ़ाई कर सकें और उन्हें आगे परेशानी नहीं हो. पाठ्यक्रम में बेसिक नॉलेज आइटी की पढ़ाई के तहत बच्चों को बेसिक नॉलेज ऑफ इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी, इंफॉरमेशन टेक्नोलॉजी टूल्स, आइटी एप्लीकेशन, एम एस ऑफिस, इंटरनेट, वेब सर्विस, डीएमएस, एचपीएमएल, वेबसाइट बनाने की जानकारी देने की व्यवस्था है. कंप्यूटर शिक्षा के 120 करोड़ वापस उच्च विद्यालय स्तर पर कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू करने की योजना वर्ष 2006-07 में बनी थी. केंद्र सरकार के सहयोग से इसके लिए राज्य के 1,074 उच्च विद्यालयों को चयनित किया गया था. भारत सरकार ने इसके लिए 120 करोड़ की स्वीकृति दी थी. इसके लिए प्रथम चरण में 28 करोड़ रुपये दिये गये थे, पर इसका उपयोग नहीं हो पाया. इसके बाद भारत सरकार ने राशि वापस ले ली. प्रावधान के अनुरूप 300 से 1050 विद्यार्थी वाले स्कूल में 20 व उससे अधिक संख्या वाले स्कूल में 30 कंप्यूटर लगाने की बात थी. शिक्षकों का हुआ था प्रशिक्षण कंप्यूटर की पढ़ाई शुरू करने के लिए जिला स्तर पर स्कूलों का चयन भी किया गया था. रांची जिले में चयनित शिक्षकों का प्रशिक्षण भी हुआ. चयनित शिक्षकों का 15 दिवसीय प्रशिक्षण हुआ था. शिक्षकों को कंप्यूटर की बेसिक जानकारी दी गयी थी.
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बिना कंप्यूटर आइटी पढ़ा रही सरकार
स्कूलों में कंप्यूटर एजुकेशन की योजना फेल बिना कंप्यूटर पाठ्यक्रम में शामिल हुआ विषय आइटी में पिछड़ रहे सरकारी स्कूलों के बच्चे संवाददाता रांची : इनफॉरमेशन-टेक्नोलॉजी (आइटी) के जमाने में झारखंड के सरकारी स्कूलों के बच्चे कंप्यूटर शिक्षा से दूर हैं. सरकारी विद्यालयों में प्लस टू स्तर तक कंप्यूटर पढ़ाई की कोई सुविधा नहीं है. […]
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