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प्रभात खबर सभागार में परिचर्चा का आयोजन, बोले विशेषज्ञ- उद्योगों को मिलेगी गति, कुछ ने कहा, बजट से उम्मीदें पूरी नहीं हुईं

रांची : आम बजट को लेकर शनिवार को प्रभात खबर सभागार में परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस दौरान विभिन्न सेक्टर से आये विशेषज्ञों ने सदन में पेश किये गये आम बजट का विश्लेषण किया. कुछ का मानना था कि बजट से उद्योग को गति मिलेगी, वहीं कुछ लोगों ने कहा कि बजट उम्मीद के […]

रांची : आम बजट को लेकर शनिवार को प्रभात खबर सभागार में परिचर्चा का आयोजन किया गया. इस दौरान विभिन्न सेक्टर से आये विशेषज्ञों ने सदन में पेश किये गये आम बजट का विश्लेषण किया. कुछ का मानना था कि बजट से उद्योग को गति मिलेगी, वहीं कुछ लोगों ने कहा कि बजट उम्मीद के विपरीत है. किसान को राहत दी गयी है, तो मध्यम वर्ग को कुछ नहीं मिला है. बजट ने बाजार को निराश किया. सेंसेक्स गिर गया. वहीं बजट में झारखंड के लिए अलग से ट्राइबल म्यूजियम बनाये जाने की घोषणा का सभी ने स्वागत किया. परिचर्चा की अध्यक्षता जेसिया के कोषाध्यक्ष सह नामकुम इंडस्ट्रियल एरिया के अध्यक्ष विनोद अग्रवाल ने की. प्रभात खबर के वरीय स्थानीय संपादक संजय मिश्र ने अतिथियों का स्वागत किया.
उम्मीदें पूरी नहीं हुईं : सरला बिरसा यूनिवर्सिटी के संजीव बजाज ने कहा कि बजट से उम्मीदें पूरी नहीं हुईं. मध्यम वर्ग को इस बजट से कुछ नहीं मिला है. इसलिए इस बजट को संतुलित नहीं कहा जा सकता है. शिक्षा के क्षेत्र में एफडीआइ की घोषणा से इस क्षेत्र को नयी ताकत मिल सकती है.
मेडिकल क्षेत्र में ब्रिज कोर्स शुरू होने से रोजगार का सृजन होगा
एमएसएमइ को बढ़ावा मिलेगा
जेसिया के अध्यक्ष फिलिप मैथ्यू ने कहा कि बजट अच्छा है. कुछ नया करने का प्रयास किया गया है. सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों (एमएसएमइ) के रिस्ट्रक्चरिंग के लिए सहयोग करने की बात कही गयी है. यह केंद्र सरकार का अच्छा प्रयास है. इसेंसियल कमोडिटी एक्ट को बंद करने की बात कही गयी है. बजट में प्री पेड मीटर और बिजली पोर्टिबिलिटी की बात से फायदा हो सकता है. इससे उद्यमी बिजली के क्षेत्र की अच्छी सुविधा ले सकते हैं. झारखंड में ट्राइबल म्यूजियम बनाने की घोषणा स्वागतयोग्य है.
महंगाई रोकने का प्रयास नहीं
उद्यमी प्रेम कटारूका ने कहा कि सरकार ने महंगाई रोकने के लिए बजट में कोई प्रयास नहीं किया है. देश में आम आदमी परेशान है. व्यापारी कर्ज में डूबे हुए हैं. बाजार में ग्राहक नहीं हैं. बजट में इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया गया है. कॉरपोरेट टैक्स में सुधार का प्रयास अच्छा है. नया कल-कारखाना खोलने का कोई प्रयास नहीं है.
लोगों का परचेजिंग पावर बढ़ाने पर ध्यान नहीं
एक्सआइएसएस के शिक्षक डॉ भवानी प्रसाद महापात्र ने कहा कि बजट में आम लोगों पर कम ध्यान दिया गया है. लोगों का परचेजिंग पावर बढ़ाने का प्रयास नहीं किया गया है.
एक्सआइएसएस के फैकल्टी प्रशांत कुमार झा ने कहा कि यह बजट लोगों में विश्वास पैदा नहीं कर पायेगा और इससे मार्केट को ताकत नहीं मिल पायेगी.
जेसिया के उपाध्यक्ष विनोद नेमानी ने कहा कि छोटे उद्योगों को फायदा पहुंचाने के लिए कई घोषणाएं की गयी हैं. टैक्सपेयर को भी राहत दी गयी है.
नया भारत का निर्माण करने में योगदान देने वाला बजट पेश
वित्तमंत्री ने कहा कि बैंकों की स्थिति सुधर गयी है. जब बैंकों की स्थिति सुधर गयी है, तो एनपीए कैसे बढ़ा. आइडीबीआइ का हिस्सा बेचा क्यों जा रहा है. एलआइसी में भी सरकार अपनी हिस्सेदारी क्यों बेच रही है. टैक्स रिबेट में महिलाओं को नजरअंदाज किया गया है़
-अनिता यादव, प्रदेश प्रवक्ता, राजद
आम बजट निराशाजनक है. शेयर बाजार में गिरावट इसकी सच्चाई बयान कर रही है. पांच ट्रिलियन इकोनाॅमी जुमला ही निकला़ इस टार्गेट को पाने के लिए जीडीपी विकास दर आठ फीसदी होना चाहिए, लेकिन इएसआर की रिपोर्ट के अनुसार इसे 6.5% बताया गया है.
-राजीव रंजन प्रसाद , प्रवक्ता, कांग्रेस
यह आम बजट एक नया भारत का निर्माण करने में सहायक सिद्ध होगा. वित्त मंत्री ने हर वर्ग के लोगों का ध्यान रखा है़ वित्त मंत्री और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नया भारत का निर्माण बनाने में योगदान देने वाला बजट पेश करने के लिए धन्यवाद़
-संदीप नागपाल, सचिव, रांची
नागरिक समिति
यह बजट स्वास्थ्य के लिए अहम है. नेशनल फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी की स्थापना अच्छी पहल है़ हर जिले में जन औषधि केंद्र को बढ़ावा देकर भी बेहतर स्वास्थ्य की ओर ले जाना लक्ष्य है. जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज में बदल देने की योजना सही नहीं है.
-डॉ शंभु प्रसाद सिंह, आइएमए रांची
सरकारी शिक्षक चितरंजन कुमार ने कहा कि बजट का असर आनेवाले दिनों में दिखेगा. बजट में 150 संस्थानों में उद्यमिता डिग्री देने की बात कही गयी है. यह स्वागत योग्य कदम है. इससे तकनीकी रूप से सक्षम व्यापारी बन पायेंगे. बजट में नयी शिक्षा नीति लाने की बात कही गयी है.
पांच ट्रिलियन इकोनॉमी के लिए आठ फीसदी विकास दर की जरूरत है़ इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, वर्ष 2020-21 के लिए 6़ 6 प्रतिशत ग्रोथ टारगेट रखा गया है. इसी को लेकर बजट में आय सृजन पर ध्यान रखा गया है़ शिक्षा पर 99,300 करोड़ रुपये खर्च करने की योजना है़
-डॉ ज्योति प्रकाश, रांची विवि
बजट में सभी वर्गों का ख्याल रखा गया है़ कई योजनाएं गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाले लोगों के लिए बेहद लाभदायक है़ बैंक में अगर रेट ऑफ इंटरेस्ट पर ध्यान दिया जाता तो और भी बेहतर होता. पर्यटन क्षेत्र में 2500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी़ इससे झारखंड को भी फायदा होगा.
-जया झा, शिक्षिका, मनन विद्या स्कूल
बजट में 20 लाख सौर पंप लगाने की योजना और किसान क्रेडिट स्कीम सराहनीय कदम है़ आदिवासियों के विकास के लिए 53700 करोड़ रखा गया है़ रांची में आदिवासी संस्कृति और धरोहर को संरक्षित करने के लिए म्यूजियम बनाया जायेगा. बैंकों में जमा राशि सुरक्षित है.
-डॉ हरमिंदर बीर सिंह
बजट में परिवहन से लेकर पर्यटन पर विशेष ध्यान दिया गया है़ किसानों के हित के लिए काफी काम किया जा रहा है़ नयी शिक्षा नीति से शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा. बैंक खाताधारकों की पांच लाख रुपये तक की रकम का बीमा सराहनीय है़ टैक्स में कटौती से काफी राहत मिली है़
-खिराेधर महतो, शिक्षक
उम्मीदों का भारत, इकोनॉमिक डेवलपमेंट और केयरिंग समाज के यथार्थ को ध्यान रखा गया है़ आयकर स्लैब में बदलाव, नाबार्ड री फाइनांस स्कीम का दायरा बढ़ाना, स्टडी इन इंडिया को बढ़ावा देने, करदाताओं उत्पीड़न से बचाने कीबात बेहतर कदम है़
– संजय अखौरी, सचिव, जेसीपीडीए
बजट में किसानों पर विशेष ध्यान दिया गया है़ सोलर सिस्टर स्कीम, टैक्स स्लैब काफी अच्छा पेश किया गया है़ देश के विकास में कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा की अहम भूमिका होती है़. इन तीनों सेक्टर पर विशेष फोकस रखा गया है. बैंकिंग सिस्टम को बेहतर बनाने पर जोर देना स्वागतयोग्य है.
-सीए राजकुमार
बजट में महिलाओं के लिए कुछ खास नहीं है़ किसान, शिक्षा, स्वास्थ्य पर ध्यान दिया गया है, जो सराहनीय है. स्टडी इन इंडिया प्रोग्राम को एशियाई और अफ्रीकी देशों में बढ़ावा दिया जाना और नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी, नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी बनाया जाना अच्छा कदम है.
-पल्लवी सिन्हा, शिक्षिका
अर्थव्यवस्था की स्थिति सही करने के लिए अच्छा बजट है़ इसमें सरकार ने सभी के लिए कुछ न कुछ दिया है. टैक्स स्लैब को चेंज किया गया है, जिससे करदाता को फायदा होगा. नयी कंपनी के इनकम टैक्स रेट को भी कम किया गया है. इस कदम से बिजनेस का अच्छा वातावरण बनेगा.
– धर्मेंद्र कुमार सिन्हा, सीए
जीडीपी में कर्ज अनुपात घटने से लोगों को राहत मिलेगी. किसानों को सोलर पंप से काफी मदद मिलेगी. गांवों का विकास होगा. यह बजट की अच्छी बात लगी. बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के लिए भी बजट में प्रावधान किया गया है, जो सराहनीय है. बजट में बुजुर्गों व र नि:शक्तों का ध्यान रखा गया है.
इंदु सिंह भदौरिया
गांवों के विकास के लिए पानी और बिजली की समुचित व्यवस्था होगी. पर मेरा मानना है कि बजट में लड़कियों की सुरक्षा पर भी ध्यान देना चाहिए था. वैसे बजट में हर वर्ग का ध्यान रखा गया है. कोशिश की गयी है कि हर वर्ग को राहत मिले, पर गृहिणियों के लिए अलग से कुछ नहीं है.
संगीता किरण
बजट सुनने के बाद लगा कि जीएसटी लाना सही था, पर इससे छोटे व्यापारियों को बहुत नुकसान हुआ. किसानों के लिए बजट सही है. आयुष्मान भारत योजना शुरू तो हुई, पर इसका फायदा जिसको मिलना चाहिए था, उसको सही से नहीं मिल रहा है. शिक्षा के लिए अच्छा बजट है.
नीता सिंह
उत्कृष्ट कोटि का बजट है. इसमें किसान, ग्रामीण विकास, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास योजना व स्मॉल इंडस्ट्री पर काफी बल दिया गया है. गुड गवर्नेंस पर भी फोकस किया गया है. सबसे खुशी की बात है कि ट्राबल म्यूजियम के लिए स्पेशल व्यवस्था की गयी है.
शीतल उरांव, रिटायर डीआइजी
विगत कुछ महीनों से देश की अर्थव्यवस्था में आयी मंदी से इस बजट से कुछ उम्मीदें थीं. इसमें कुछ महत्वपूर्ण फैसले हुए, परंतु कुछ अभी भी छूट गये है़ं ग्रामीण क्षेत्रों पर विशेष फोकस किया गया है. व्यापार व उद्योग के क्षेत्र में कई अपेक्षा थी, लेकिन बजट में बहुत कुछ नहीं दिखा.
लघु व सूक्ष्म उद्योगों के लिए 900 करोड़ का डेब्ट फंड, राष्ट्रीय लॉजिस्टिक पाॅलिसी, ऐप आधारित इनवॉइस फाइनेंसिंग लोन, मोबाइल फोन इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मेडिकल उपकरण आदि के लिए लाया गया प्रस्ताव स्वागत योग्य है. जीएसटी, जीएसटी रिफंड, निर्यात में जीएसटी से आ रही परेशानियों पर कुछ नहीं होना निराशाजनक है. इनकम टैक्स स्लैब में जो बदलाव किये गये हैं, वह संतुलित है.
विकास विजयवर्गीय, सह सचिव, झारखंड चेंबर
स्किल इंडिया, आयुष्मान भारत, स्वच्छ भारत, ओडीएफ जैसी महत्वपूर्ण योजनाओं का विस्तार अच्छी पहल है, परंतु इसके क्रियान्वयन की प्रक्रिया को और दुरुस्त करने की आवश्यकता है. एलआइसी जैसी संस्था के शेयर बेचने की बात निराशाजनक है. बैंकों में जमा रुपये को एक लाख से बढ़ा कर पांच लाख तक की राशि बीमा में लाना अच्छी पहल है. पिछले वर्ष बजट में वृद्ध व्यापारियों को पेंशन देने की बात कही गयी थी, परंतु आज तक इसका क्रियान्वयन नहीं हो सका. सबसे जरूरी योजनाओं की मॉनिटरिंग करना है. सरकार को इस पर कदम उठाने चाहिए. कई अच्छी योजनाएं पहले से हैं, परंतु इसका सही से क्रियान्वयन नहीं हो रहा है.
सुभाष अग्रवाल, सचिव, कोकर व्यापार संघ
सरकार ने शिक्षा का बजट 94,800 करोड़ से बढ़ा कर 99,300 करोड़ कर दिया है. यह सुनने में अच्छा लगता है, परंतु यह आज की शिक्षा व्यवस्था की मांग से मेल नहीं खाता है. आज की शिक्षा व्यवस्था की सबसे बड़ी जरूरत गुणवक्ता में सुधार की है, लेकिन इस बारे में कुछ भी नहीं कहा गया है. जीडीपी का छह प्रतिशत शिक्षा के क्षेत्र में खर्च का लक्ष्य अभी कोसों दूर है. शिक्षकों की कमी प्राथमिक शिक्षा से लेकर उच्च शिक्षा तक में विराजमान है. इस बजट में कौशल विकास के लिए तीन हजार करोड़ रखा गया है, परंतु इस क्षेत्र में काम बहुत कम हुआ है. बजट में रोजगार पर जोर नहीं दिया गया है.
-एसएम अब्बास, अध्यक्ष, मानवशास्त्र विभाग, डीएसपीएमयू

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