रांची: झारखंड सदभावना मंच के प्रतिनिधि प्रो शाहिद हसन ने सदभावना मार्च में कहा कि पानी में लाठी मारने से पानी अलग नहीं होता है. दूध और पानी को कभी भी एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता है.
यह वीर बुधु भगत, भगवान बिरसा मुंडा, शहीद शेख भिखारी, पांडेय गणपत राय, ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव सहित अन्य वीरों की धरती है, जहां आजादी के वर्षो पूर्व से लोग एक साथ रहते आ रहे हैं. यहां हिंदू ,मुसलिम व आदिवासी सहित अन्य समाज के लोग एक साथ रहते आये हैं. हमलोगों ने अपनी चट्टानी एकता के साथ अंग्रेजों को खदेड़ा था. हमारी एकता को कोई डिगा नहीं सकता है.
हाल में कुछ मौका परस्त ताकतों ने इसमें खलल डालने की कोशिश की, लेकिन कामयाब नहीं होने दिया गया. यदि हमारी एकता कमजोर होगी, तो मौका परस्त ताकतें हावी हो जायेंगी. जाति व धर्म के नाम पर राजनीति करने लगेगी. यदि हम हिंदू, मुसलिम, आदिवासी के नाम पर बटें, तो हमलोगों के लिए खतरे की घंटी होगी. उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित ग्रामीणों को एकजुट होकर रहने का अह्वान किया. युवाओं ने हाथ उठा कर संकल्प लिया कि हमलोग साथ-साथ रहेंगे किसी के बहकावे में नहीं आयेंगे.