रांची : राजधानी में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनानेवाले दलालों का रैकेट काम कर रहा है. शनिवार को ऐसा ही मामला नगर निगम में सामने आया. डोरंडा रहमत कॉलोनी निवासी नजीर अख्तर निगम कार्यालय में अपनी बेटी अल मरियम नजीर के जन्म प्रमाण पत्र की जांच कराने पहुंचे थे.यहां जब प्रमाणपत्र की जांच की गयी, तो पता चला कि नगर निगम जन्म प्रमाण पत्र बनाने के लिए भारत सरकार की जिस साइट www.crsorgi.gov.in का उपयोग करता है, उसके बदले www.crsorgi.in से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाया गया है. यह साइट जन्म प्रमाण पत्र के क्यूआर कोड को स्कैन करने पर खुल जा रही है, जो असली साइट से मिलती-जुलती है.
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सावधान! नगर निगम में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र दिला रहे दलाल
रांची : राजधानी में फर्जी जन्म प्रमाणपत्र बनानेवाले दलालों का रैकेट काम कर रहा है. शनिवार को ऐसा ही मामला नगर निगम में सामने आया. डोरंडा रहमत कॉलोनी निवासी नजीर अख्तर निगम कार्यालय में अपनी बेटी अल मरियम नजीर के जन्म प्रमाण पत्र की जांच कराने पहुंचे थे.यहां जब प्रमाणपत्र की जांच की गयी, तो […]
इसके बाद निगम के कर्मचारियों ने बच्चे की जन्म तिथि के आधार पर सर्टिफिकेट की जांच की, तो पाया कि निगम में इस जन्म प्रमाण पत्र से जुड़ा कोई डाटा नहीं है. फर्जी प्रमाणपत्र पर निगम की सहायक स्वास्थ्य पदाधिकारी डॉ किरण कुमारी का हस्ताक्षर भी किया हुआ था, जो आम तौर पर सभी प्रमाण पत्रों में किया जाता है.
दलाल ने लिये थे चार हजार रुपये
: पीड़ित नजीर अख्तर ने बताया कि एलआइसी के लिए उन्हें बच्चे का जन्म प्रमाण पत्र बनवाना था. इसे जल्दबाजी में बनाने के लिए नगर निगम के जन्म-मृत्यु काउंटर के समीप ही एक दलाल, जिसने अपना नाम शमीम बताया, मिला. दलाल ने बताया कि वह दो दिन में जन्म प्रमाण पत्र बनवा देगा. बदले में उसने उनसे चार हजार रुपये लिये.
शमीम ने बताया था कि वह निगम में ही काम करता है और दो दिन में जन्म प्रमाणपत्र बनाकर दे देगा. शनिवार को उसने उन्हें प्रमाण पत्र दिया. उन्होंने सोचा कि चलो जल्दी में बन गया. फिर अचानक उन्हें लगा कि एक बार इस जन्म प्रमाण पत्र को चेक करा लिया जाये. निगम के कर्मचारियों ने जब सर्टिफिकेट की जांच की, तो मामला सामने आया.
शिकायत मिलने पर होगी कार्रवाई : मामले पर उप नगर आयुक्त शंकर यादव ने कहा कि अभी तक निगम में इस प्रकार की लिखित शिकायत किसी ने नहीं की है. अगर कोई पीड़ित इस संबंध में शिकायत करता है, तो उसकी जांच करा कर केस दर्ज कराया जायेगा.
श्री यादव ने कहा कि आम लोग भी आराम के चक्कर में दलालों के चक्कर में नहीं पड़ें. आधा घंटा कष्ट होगा, लेकिन उन्हें निगम में ही आकर अपना आवेदन काउंटर में जमा करना चाहिए.
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