रांची : गैंगरेप की शिकार हुई लाॅ की छात्रा को उसके परिजन शुक्रवार को जमशेदपुर ले गये़ वहीं जानकारी के अनुसार मारपीट में घायल होने के बाद भी छात्रा का दोस्त संग्रामपुर के बगल स्थित बनहरा गांव गया था. वहां ग्रामीणों से मदद मांगी, लेकिन किसी ने मदद नहीं की़ ग्रामीणों ने बताया कि 12 युवकों में से पांच छह अपराधी प्रवृति के है़ं वे सभी गांव में भी आतंक मचाये हुए है़ं उन युवकों से ग्रामीण परेशान है़ं इसलिए वे चाहते हैं कि उन युवकों को सजा अवश्य मिले़
महिलाओं के लिए बनाया गया है शक्ति एप : पुलिस का कहना है कि छात्रा व महिलाओं के लिए झारखंड पुलिस ने शक्ति एेप बनाया है़ वह हर छात्रा के मोबाइल में होना चाहिए़ हो सकता है उस छात्रा के मोबाइल में भी यह ऐप हो, लेकिन आरोपियों ने उसका मोबाइल छीन लिया था, जिसके कारण वह पुलिस ने मदद नहीं ले पायी हो़ शक्ति एेप पर सूचना देने के बाद संबंधित थाना के पुलिस अधिकारी व शक्ति कमांडो सहायता के लिए पहुंच जायेंगे.
घटना की भाकपा ने की भर्त्सना : गैंगरेप घटना की भाकपा ने भर्त्सना की है. पार्टी द्वारा जारी बयान में कहा गया कि हाल के दिनों में बलात्कार की घटनाओं का ग्राफ बढ़ा है.
इसके बावजूद सरकार गंभीर नहीं है. पार्टी के जिला सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि सरकार निर्भया कांड के बाद गठित जस्टिस जेएस वर्मा कमेटी की सिफारिशों को लागू करने के मामले को नजरअंदाज करती रही है. भाकपा नेताओं ने इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति को रोकने का आग्रह करते हुए इसके लिए राज्य सरकार से राज्यव्यापी अभियान चलाने का आग्रह किया है.
हर छह घंटे पर हो रही है दुष्कर्म की घटना : कांग्रेस के पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ने प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा देनेवाली रघुवर सरकार की सच्चाई की पोल लॉ की छात्रा के साथ हुई घटना ने खोल कर रख दी है.
राज्य में हर छह घंटे पर दुष्कर्म की एक घटना हो रही है. राज्यपाल द्रौपदी मूर्मू ने भी महिलाओं पर हो रहे अत्याचार को रोकने व विधि व्यवस्था बेहतर करने के लिए ठोस कदम उठाने के निर्देश दिये हैं. लेकिन, रघुवर सरकार में राज्यपाल की बात भी नहीं मानी गयी. साल 2016 में बलात्कार के 10,146 और साल 2017 में 10,357 मामले दर्ज किये गये. पिछले पांच वर्षों में दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के 5,500 से अधिक मामले दर्ज हैं. छेड़खानी के 6,200 मामले दर्ज किये गये. राज्य में महिला पुलिसकर्मी तक सुरक्षित नहीं हैं.