स्थानीय नीति की मांग को लेकर गुमला जिले में बंद अभूतपूर्वबंद से एक करोड़ का व्यवसाय प्रभावित 1 गुम 3 में विभिन्न दल व संगठन के लोग सड़क पर उतरे1 गुम 4 में टेंपो चालक को डंडा से डराते1 गुम 5 में टेंपो से हवा निकालते लोग1 गुम 6 में भरनो में सड़क जाम करते लोगप्रभात खबर टीम, गुमलास्थानीय नीति लागू करने की मांग को लेकर झारखंड बंद का व्यापक असर गुमला जिले में देखने को मिला. जिले के सभी 12 प्रखंडों में बंद अभूतपूर्व रहा. सीटीयूएस, पिछड़ा वर्ग संघर्ष समिति, भाकपा, आदिवासी महासभा और विभिन्न संगठन के आदिवासी नेता सड़क पर उतर शहर की सभी छोटी बड़ी दुकानों को बंद कराया. गाड़ी नहीं चलने नहीं दिया. कुछ टेंपो चालक सड़क से यात्री लेकर गुजरते नजर आये. लोगों ने टेेंपो रोक कर एक दो चालक को डंडे से पीटा. कई टेंपो और छोटी चार पहिया गाड़ी की हवा खोल दी. स्थानीय नीति की मांग का सभी लोगों ने समर्थन किया. किसी ने दुकान नहीं खोली. सुबह से देर शाम तक शहर की सड़कें सुनसान नजर आयी. बैंक भी नहीं खुले. स्नातक पार्ट वन की परीक्षा नहीं हुई. बंद से लगभग एक करोड़ का व्यवसाय प्रभावित हुआ है. इसमें 50 लाख शहरी व्यवसाय और 50 लाख ग्रामीण और बॉक्साइड पर आधारित व्यवसाय प्रभावित हुआ है. मिला-जुलाकर बंद शांतिपूर्ण रहा है. कहीं से अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली है.झारखंड की रक्षा के लिए स्थानीय नीति जरूरी : मुनेश्वरगुमला शहर में छोटानागपुरिया तेली उत्थान समाज के अध्यक्ष मुनेश्वर कुमार साहू, संरक्षक भूपन साहू, पिछड़ा वर्ग संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद गुप्ता, आदिवासी नेता अशोक कुमार भगत, सुनील केरकेट्टा, आदिवासी महासभा के अध्यक्ष विश्वनाथ उरांव, भाकपा के जिला सचिव बसंत गोप, महेंद्र उरांव, हरिजन समाज के अध्यक्ष विष्णु राम, अनूप चंद्र अधिकारी, कृष्णा उरांव के अलावा कई लोग थे. मौके पर मुनेश्वर ने कहा कि झारखंड की जनता को तभी हक अधिकार मिल सकता है. जब यहां स्थानीय नीति लागू हो. इसके लिए सभी को मिल कर प्रयास करना चाहिये. वहीं राजेंद्र गुप्ता ने कहा कि जब तक स्थानीय नीति लागू नहीं होता है. आंदोलन इसी प्रकार चलता रहेगा. प्रखंडों में भी दिखा बंद का व्यापक असरसिसई प्रखंड मुख्यालय में लोग सड़क पर उतर कई स्थानों पर जाम कर टायर जलाया. भरनो प्रखंड में लोग सड़क पर ही दरी बिछा कर बैठ गये. छोटी बड़ी सभी गाडि़यों के आवागमन को ठप कराया. कामडारा व बसिया में लोगों ने स्वत: दुकानें बंद रख स्थानीय नीति का समर्थन किया. पालकोट में भी बंद का व्यापक असर देखा गया. लोग सड़क पर उतर कर बंद कराये. बंद के कारण बिशुनपुर व घाघरा प्रखंड में बॉक्साइड का उत्खनन नहीं हुआ. गाड़ी भी नहीं चलीं. लोग सड़क पर उतर कर बंद का सफल बनाया. सभी दुकानें बंद रही. रायडीह, चैनपुर व जारी प्रखंड में भी बंद सफल रहा. सभी दुकानें बंद रही.
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फोटो है : सड़क पर उतरे लोग, गाड़ी रोकी, हवा खोली
स्थानीय नीति की मांग को लेकर गुमला जिले में बंद अभूतपूर्वबंद से एक करोड़ का व्यवसाय प्रभावित 1 गुम 3 में विभिन्न दल व संगठन के लोग सड़क पर उतरे1 गुम 4 में टेंपो चालक को डंडा से डराते1 गुम 5 में टेंपो से हवा निकालते लोग1 गुम 6 में भरनो में सड़क जाम करते […]
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