रांची: जल संसाधन विभाग ने अपर शंख की नहर से पानी रिसाव सहित अन्य गड़बड़ी मामले में कार्रवाई की है. परियोजना के साइफन (मुख्य जल भंडार) से बड़ी मात्र में जल रिसाव के लिए निर्माण कंपनी व कार्यपालक अभियंता को विभागीय जांच के बाद दोषी माना गया है. अब निर्माण कंपनी शिव कंस्ट्रक्शन व कार्यपालक अभियंता सुरेश राय पर आरोप गठित किया जायेगा. विभागीय सचिव अविनाश कुमार ने इसकी सहमति दे दी है.
अपर शंख के मुख्य डैम का एक गेट गत चार वर्षो से टूटा है व पानी का लगातार रिसाव हो रहा है. इससे यह सिंचाई परियोजना नाकाम हो गयी है. एक बार गोताखोर की मदद से इसे ठीक करने की कोशिश की गयी थी, पर पानी के तेज बहाव से पूरा प्रयास विफल हो गया था. इसकी मरम्मत नहीं की जा सकी.
स्थानीय विधायक कमलेश उरांव ने यह मामला विधानसभा में कई बार उठाया है. वर्तमान विभागीय मंत्री अन्नपूर्णा देवी ने उन्हें कार्रवाई का आश्वासन दिया था. अब विधानसभा का सत्र शुरू होने से पहले इस मामले में कार्रवाई हो रही है. डैम अभी निर्माणाधीन ही है.
इधर इलाके के किसान, जिन्होंने 35 वर्ष पहले अपनी जमीन गंवायी, आज भी सिंचाई शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. अन्य डैम में भी गड़बड़ी : जल संसाधन विभाग की अजय बराज (देवघर, जामताड़ा) सहित सुरंगी (रांची), सोनुआ (प सिंहभूम) व नकटी (प सिंहभूम) सिंचाई योजनाओं का ऑनलाइन उदघाटन राज्य स्थापना दिवस (15 नवंबर 2012 ) के दिन होना था. इसकी सारी तैयारी पूरी कर ली गयी थीं, लेकिन ठीक एक दिन पहले यह कार्यक्रम स्थगित हो गया.
बताया गया कि गेट में खराबी है. गेट खोलने के बाद बंद करने में कठिनाई आ सकती है. बाद में सुरंगी का गेट 60 लाख रु खर्च कर एक साल में ठीक किया गया. फिर विभाग ने निर्णय लिया था कि राज्य के सभी जलाशय योजनाओं के मुख्य डैम के गेट की जांच होगी. पर यह काम पूरा नहीं हुआ है.
डैम का गेट वर्षो से टूटा है. लगातार रिसाव के कारण पानी बरबाद हो रहा है. क्षेत्र के लिए यह परियोजना वरदान साबित हो सकती थी, लेकिन आज तक इससे एक हेक्टेयर खेत की भी सिंचाई नहीं हो रही है. मैं विधानसभा में लगातार यह मामला उठाता रहा हूं. पर कुछ नहीं हो रहा.
कमलेश उरांव, विधायक गुमला