छह प्रखंडों की सर्वे रिपोर्ट
रांची : समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ के लिए आवेदन देने वाली सिर्फ 24 फीसदी महिलाअों को मिल रहा है. प्रसव के बाद तीन किस्तों में कुल पांच हजार की इस राशि के नहीं मिलने से झारखंड में जच्चा-बच्चा का पोषण प्रभावित हो रहा है.
यह राज्य के आठ प्रखंडों में जून माह से किये गये एक सर्वे के आंकड़े हैं, जिसे अर्थशास्त्री व सामाजिक कार्यकर्ता प्रो ज्यां द्रेज ने अपनी सहयोगी सकिना धोराजीवाला के साथ जारी किया. एक्सआइएसएस में आयोजित प्रेस वार्ता में दोनों ने बताया कि सर्वे वाले प्रखंडों की वैसी कुल 202 महिलाअों से बात की गयी, जिन्होंने इस योजना के लाभ के लिए आवेदन दिया था.
इनमें से 76 फीसदी को तीन किस्तों में मिलने वाली पांच हजार रुपये की सहायता राशि की कोई किस्त नहीं मिली थी. वहीं तीनों किस्त के लिए आवेदन देने वाली तथा सभी तीन किस्त का लाभ पाने वाली महिलाअों की संख्या सिर्फ आठ फीसदी है.
प्रो ज्यां ने कहा कि झारखंड जैसे राज्य में जहां के 45 फीसदी बच्चे नाटे तथा 48 फीसदी कमजोर व कम वजन (नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे-चार) वाले हैं, ऐसा होना घातक है. प्रो ज्यां द्रेज व उनके सहयोगियों ने समाज कल्याण सचिव को ज्ञापन देकर मांग की है कि इस योजना का लाभ सभी महिलाअों को दी जाये.
क्या है परेशानी
रिपोर्ट के अनुसार फॉर्म देने तथा भरने का काम आंगनबाड़ी कर्मी पर रहने से इसमें विलंब होता है. पूरी तरह प्रशिक्षित नहीं होने से फॉर्म भरने में कर्मियों से गलती होती है. सभी तीन किस्तों के लिए तीन बार आवेदन करना होता है, जो आठ-आठ पेज का होता है. इसके अलावा तकनीक संबंधी समस्या भी है.
सर्वे के आंकड़े
योजना का लाभ के लिए योग्य
महिलाएं : 232
जिन्होंने आवेदन नहीं किया : 30
जिन्होंने कम से कम एक किस्त का आवेदन दिया : 202
जिन्हें किसी किस्त का लाभ नहीं
मिला : 76 फीसदी
वैसी महिलाएं कम से कम एक किस्त पाने वाली : 24 फीसदी
जिन्होंने सभी तीन किस्त का आवेदन दिया : 172
वैसी महिलाएं जिन्हें कोई किस्त नहीं मिली : 76 फीसदी
जिन्हें एक किस्त मिली : 16 फीसदी
वैसी महिलाएं जिन्हें तीनों किस्त का लाभ मिला : आठ फीसदी