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रांची : मॉब लिचिंग नहीं, आपसी विवाद में हुई थी मारपीट

रांची : पांच जुलाई को एयरपोर्ट रोड स्थित मैदान में समुदाय विशेष का होने पर आमिर वसीम, अल्ताफ और आरिब अहमद के साथ मारपीट नहीं की गयी थी. इसका खुलासा विशेष शाखा की रिपोर्ट से हुआ है. रिपोर्ट में मॉब लिंचिंग जैसी घटना का कोई जिक्र नहीं है. विशेष शाखा के अनुसार, सच्चाई यह है […]

रांची : पांच जुलाई को एयरपोर्ट रोड स्थित मैदान में समुदाय विशेष का होने पर आमिर वसीम, अल्ताफ और आरिब अहमद के साथ मारपीट नहीं की गयी थी.
इसका खुलासा विशेष शाखा की रिपोर्ट से हुआ है. रिपोर्ट में मॉब लिंचिंग जैसी घटना का कोई जिक्र नहीं है. विशेष शाखा के अनुसार, सच्चाई यह है कि कई युवक सफेद कुरता-पायजामा में पगड़ी बांधकर बाइक से एयरपोर्ट रोड स्थित मैदान में पूर्व की तरह पांच जुलाई को भी पहुंचे थे. स्थानीय लोगों को यह नागवार लगा. इसके बाद हाराटांड़ निवासी बबलू साहू, तुलसी साहू और बीरबल साहू ने उक्त युवकों से मारपीट की थी.
रिपोर्ट के अनुसार, घटना के बाद आरिब अहमद ने घर जाकर अपने पिता अकिलुर रहमान को मारपीट होने की जानकारी दी. इसके बाद मुहल्ले के लोगों ने रात 9.30 बजे कर्बला चौक और मिशन चौक के बीच व रात 10 बजे एकरा मसजिद के पास रोड जाम कर दिया और कुछ वाहनों में तोड़-फोड़ की.
घटना की सूचना मिलने पर पुलिस वहां पहुंची और लोगों को घर जाने को कहा. लोग नहीं माने ,तो पुलिस ने हल्का बल प्रयोग भी किया. इस बीच तेज बारिश होने से भीड़ धीरे-धीरे खत्म हो गयी. रात 11.30 बजे ट्रैफिक सामान्य हुआ. रिपोर्ट के अनुसार, सड़क जाम करने में सेंट्रल मुहर्रम कमेटी के महासचिव अकीलुर रहमान, पूर्व वार्ड पार्षद मो आजाद, मो जुबैद, शमशेर, कासिम व अन्य ने सक्रिय भूमिका निभायी. उपद्रव करने में करीब 400 लोग शामिल थे.
जाम के दौरान विवेक और दीपक कुमार पर जानलेवा हमला किया गया था. हालांकि एयरपोर्ट रोड वाली घटना के बाद पीड़ित युवक आरिब अहमद, मो अल्ताफ, मो वसीम और आमिर डोरंडा थाना पहुंचे और पुलिस को बताया कि पांच जुलाई की शाम सभी एयरपोर्ट की ओर घूमने गये थे. वहां लाठी-डंडे से लैस 25-30 अज्ञात लोगों ने उनके साथ मारपीट की. इसके बाद बारी-बारी से नाम पूछा और समुदाय विशेष को गाली दी. इधर रविवार को बबलू और तुलसी साहू से उनके घर जाकर मामले में उनसे पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन वे घर में नहीं मिले. उनके परिजनों ने बताया कि वे बाहर गये हैं.
मैं प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद अपने बेटे को लेकर घर चला आया था. मैं मारपीट के संबंध में कुछ बोलना नहीं चाहता. एकरा मसजिद की घटना के दौरान मैं लोगों को समझा कर शांत कराने का प्रयास कर रह रहा था. घटना के पीछे मेरी कोई भूमिका नहीं है.
अकिलुर रहमान, महासचिव, सेंट्रल मुहर्रम कमेटी

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