रांची : गुजरात के सूरत में शुक्रवार को बड़ा हादसा हुआ. एक बहुमंजिली इमारत में आग लगने से करीब डेढ़ दर्जन लोगों की जान चली गयी. उक्त बिल्डिंग में कुछ कोचिंग सेंटर भी चल रहे थे. आग की भयावहता को देखते हुए एक छात्र जान बचाने की कोशिश में चौथी मंजिल से नीचे कूद गया, लेकिन उसकी जान नहीं बच सकी.
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रांची के एक भी कोचिंग सेंटर ने अब तक फायर सेफ्टी का नहीं िलया एनओसी
रांची : गुजरात के सूरत में शुक्रवार को बड़ा हादसा हुआ. एक बहुमंजिली इमारत में आग लगने से करीब डेढ़ दर्जन लोगों की जान चली गयी. उक्त बिल्डिंग में कुछ कोचिंग सेंटर भी चल रहे थे. आग की भयावहता को देखते हुए एक छात्र जान बचाने की कोशिश में चौथी मंजिल से नीचे कूद गया, […]
अब अगर रांची की बात करें, तो यहां भी कई बहुमंजिली इमारतों में दर्जनों की संख्या में कोचिंग सेंटर संचालित हैं. लेकिन दुर्भाग्य से आग से सुरक्षा को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरती गयी है और विभाग के अनुसार किसी भी कोचिंग सेंटर ने फायर सेफ्टी को लेकर अग्निशमन विभाग से एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) नहीं लिया है. किसी ने भी एनओसी लेने के लिए अग्निशमन विभाग में आवेदन तक नहीं दिया है.
कई इलाकों में चलते हैं कोचिंग सेंटर : रांची में लालपुर में हरिओम टावर संग उसके अपोजिट वाली बिल्डिंग में, हरमू रोड में मंगल मूर्ति हाइट्स व सिटी सेंटर (गोस्सनर कॉलेज के समीप) और इसके पीछे भी कोचिंग सेंटर संचालित हैं. साथ ही आरएस टावर और क्लब रोड में कई कोचिंग सेंटर हैं. इसी तरह शहर के अन्य इलाकों में भी कोचिंग सेंटरों का संचलान बड़े स्तर पर हो रहा है.
सेंटर में बस दिखाने के लिए लगाये गये हैं सुरक्षा उपकरण
चिंताजनक स्थिति यह है कि सेंटर से संबंधित कई बिल्डिंग में फायर सेफ्टी के नाम पर कुछ उपकरण जरूर लगे हैं. लेकिन उक्त उपकरण सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं, यह देखने वाला शायद कोई नहीं है. अगर कभी हादसा हो जाये, तो निपटने के वक्त कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है.
संकरी गलियां आपदा प्रबंधन में बाधा
शहर में कई बड़ी बिल्डिंग के पास से गुजरने वाली सड़कें इतनी संकरी हैं कि अगर वहां पर आग लगने की घटना हो, तो अग्निशमन विभाग की गाड़ियों का पहुंचना मुश्किल होगा. ऐसे में आपदा प्रबंधन को लेकर कई बार सवाल खड़े किये जाते रहे हैं. बिल्डर भी बहुमंजिली इमारतों के निर्माण के समय इस बात का ध्यान नहीं रखते हैं. ऐसे में अगलगी होने पर अग्निशमन विभाग भी किसी प्रकार की मदद की स्थिति में नहीं रहता है.
लगातार हो रही अगलगी की घटना
शहर में लगातार अगलगी की घटनाएं हो चुकी हैं. तीन-चार दिन पूर्व रिम्स के हॉस्टल में ही बेतरतीब तरीके से की गयी वायरिंग के कारण आग लगने की घटना हो चुकी है. घटना के बाद विद्यार्थी अभी तक भयभीत हैं. उसके बाद भी बिजली विभाग लगातार उदासीनता का रुख अपनाये हुए है.
इससे पहले कोकर,कांटाटोली सहित कई इलाकों में आग लगने से नुकसान की खबरें सामने आ चुकी हैं. पूर्व में शहीद चौक के समीप स्थित एक बहुमंजिली इमारत में आग लगने की घटना सबको याद ही है. इसमें दर्जनों लोगों की जान आफत में पड़ गयी थी. लेकिन उसके इतने दिनों के बाद प्रशासन ने कोई सबक नहीं लिया.
अव्यवस्था पर बराबर उठायी जाती रही आवाज
शहर में अव्यवस्था के िखलाफ लगातार आवाज उठायी जाती रही है, लेकिन िकसी भी स्तर पर कभी भी ठोस पहल नहीं की गयी है. जिस कारण लोग भी अब तक जागरूक नहीं हो पाये हैं.
रांची के किसी भी कोचिंग सेंटर की ओर से फायर सेफ्टी के लिए विभाग में आवेदन नहीं दिया गया है. इससे सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.
-सुधीर वर्मा, स्टेट फायर ऑफिसर, अग्निशमन मुख्यालय
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