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रांची व जमशेदपुर एरिया बोर्ड का बिजली वितरण निजी कंपनियों को
निदेशक मंडल का फैसला, सरकार से होगी अनुशंसा रांची : रांची और जमशेदपुर एरिया बोर्ड में बिजली वितरण का काम अब पूरी तरह से निजी कंपनियों को सौंपा दिया जायेगा. वर्तमान में झारखंड बिजली वितरण निगम यह काम कर रही है. इसमें निजी कंपनी पर पावर सब स्टेशन से लेकर ट्रांसफार्मर और सारे उपभोक्ताओं की […]
निदेशक मंडल का फैसला, सरकार से होगी अनुशंसा
रांची : रांची और जमशेदपुर एरिया बोर्ड में बिजली वितरण का काम अब पूरी तरह से निजी कंपनियों को सौंपा दिया जायेगा. वर्तमान में झारखंड बिजली वितरण निगम यह काम कर रही है.
इसमें निजी कंपनी पर पावर सब स्टेशन से लेकर ट्रांसफार्मर और सारे उपभोक्ताओं की जवाबदेही होगी. यह निर्णय झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के निदेशक मंडल ने सोमवार को निगम मुख्यालय में हुई बैठक के दौरान लिया है. इसे लागू करने के लिए राज्य सरकार से अनुशंसा की गयी है.
राज्य सरकार ही टेंडर आदि की प्रक्रिया पूरी कर निजी कंपनी को आठ जिलों में बिजली वितरण का काम सौंपने के लिए चयन करेगी. निदेशक मंडल की बैठक झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के सीएमडी डीके तिवारी की अध्यक्षता में हुई थी.
बैठक में ऊर्जा सचिव वंदना डाडेल, जेबीवीएनएल के एमडी राहुल पुरवार, संचरण कंपनी के एमडी निरंजन कुमार समेत अन्य निदेशक थे.
वितरण निगम का नियंत्रण नहीं होगा : गौरतलब है कि दोनों एरिया बोर्ड में 20 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता हैं. इसके तहत निजी कंपनियों को पावर सब स्टेशन, 33 केवी लाइन, 11 केवी लाइन और ट्रांसफार्मर व सारे उपभोक्ता सौंप दिये जायेंगे. इसमें ग्रामीण क्षेत्र भी शामिल होंगे.
पीपीपी मोड पर यह काम दिया जायेगा. इसमें सारी जवाबदेही निजी कंपनी की होगी. केवल टैरिफ निर्धारण झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा किया जायेगा. आयोग की टैरिफ पर ही निजी कंपनी उपभोक्ताओं को बिजली देकर बिलिंग कर सकेगी. वितरण कंपनी को इसके एवज में डिविडेंट मिलेगा.
लंबे समय से चल रही है निजीकरण की कवायद
गौरतलब है कि रांची और जमशेदपुर में बिजली वितरण में अन्य कंपनियों को शामिल करने की कवायद काफी समय से चल रही है. झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) ने बिजली वितरण में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप(पीपीपी) मॉडल के लिए विश्व बैंक से पूर्व में अध्ययन कराया है.
झारखंड ऊर्जा विकास निगम के सीएमडी डीके तिवारी के समक्ष विश्व बैंक पिछले दिनों बिजली वितरण में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप(पीपीपी) मॉडल को लेकर किए गए अध्ययन के आधार पर एक प्रस्तुतीकरण भी दिया था.प्रस्तुतीकरण के बाद डीके तिवारी ने वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट का अध्ययन करने के लिए एक कमेटी बनाने का निर्देश दिया. कमेटी तत्कालीन मुख्य अभियंता रमेश ठाकुर के की अध्यक्षता में गठित की गयी थी. कमेटी में मुख्य अभियंता केके वर्मा,ओपी अंबष्ठा समेत कई लेखा पदाधिकारी भी थे.
कमेटी ने ही पीपीपी मोड में दोनों एरिया बोर्ड को निजी हाथों में देने की अनुशंसा की है, ताकि बोर्ड का घाटा 32 प्रतिशत से कम होकर आठ प्रतिशत तक आ सके. कमेटी के मंतव्य के बाद झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड के निदेशक मंडल ने सोमवार को रांची और जमशेदपुर एरिया बोर्ड में बिजली वितरण में निजी कंपनियों को लाइसेंस देने पर सहमति दे दी है.
निदेशक मंडल के अन्य फैसले
-झारखंड ऊर्जा विकास निगम और इसकी अनुषंगी कंपनियों जेबीवीएनएल, जेयूएसएनएल, जेयूयूएनएल में काम करने वाली महिलाओं को दो दिन का विशेष आकस्मिक अवकाश मिलेगा.
-लेखपाल, कनीय प्रबंधक (वित्त एवं लेखा) से लेखा पदाधिकारी, प्रबंधक के पर पर प्रोन्नति के लिए सभी कंपनियों में समिति का गठन.
-झारखंड ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड का वित्तीय वर्ष 2019-20 का बजट पास किया गया.
-ग्रामीण क्षेत्र में बिजली बिलिंग का काम स्वयं सहायता समूह को देने का निर्णय.
-निगम में एनपीएस लागू करने के लिए एसबीआई में प्वाइंट ऑफ प्रजेंस बहाल किया जायेगा.
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