रांची: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के प्रधान सचिव जेबी तुबिद ने कहा है कि लॉ एंड ऑडर की वजह से झारखंड के अफसर रेवेन्यू के मामलों को भूलते जा रहे हैं. रेवेन्यू कोर्ट पारदर्शी तरीके से काम नहीं करता है. अफसर जनता से कट गये हैं.
लॉ को डायनामिक बनाना होगा. समय और जरूरत के अनुसार कानूनों में संशोधन होना चाहिए. श्री तुबिद बुधवार को होटल ली लैक के सभागार में लैंड गवर्मेट एसेसमेंट विषय पर आयोजित कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे. कार्यशाला का आयोजन नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी की ओर से किया गया था.
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे बिहार के रेवेन्यू बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष व मुख्य समन्वयक डॉ सी अशोक वर्धन ने कहा कि लैंड मैनेजमेंट के लिए अधिकारियों का एप्रोच सकारात्मक होनी चाहिए. अर्थशास्त्री डॉ रमेश शरण ने कहा कि शहर क्रांति हुई है. झारखंड के शहरों की प्रकृति अलग-अलग है. शहरों के विकास के लिए व जरूरत के अनुसार कानून बनना चाहिए. अधिवक्ता पांडेय आरएन राय ने कहा कि पुराने कानूनों में आज की जरूरत के मुताबिक बदलाव किया जाना चाहिए. इससे पूर्व लॉ यूनिवर्सिटी के वीसी डॉ वीसी निर्मल ने अतिथियों का स्वागत किया. मौके पर जस्टिस विक्रमादित्य प्रसाद, कुलपति डॉ सलील कुमार राय, विश्व बैंक के ग्लोबल को-ऑर्डिनेटर मैडम शेया, रतिकांत झा, रजिस्ट्रार आलोक सेन गुप्ता, डॉ स्वेता मोहन, डॉ सबरी बंदोपाध्याय सहित विभिन्न पैनलों के विशेषज्ञ उपस्थित थे.