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रांची : करोड़ों खर्च हुए, पर आज तक पूरी नहीं हो पायीं योजनाएं

रांची : रांची जिले में पिछले चार वित्तीय वर्ष में कुल 19 योजनाएं स्वीकृत हुईं. इनमें से मात्र नौ याेजनाएं ही पूरी हो सकीं हैं. 10 योजनाएं आज भी अधूरी पड़ी हुई हैं. इन योजनाओं के लिए केंद्र द्वारा जिले को 6.45 करोड़ रुपये आवंटित किये गये. इनमें से 3.98 करोड़ रुपये खर्च भी हो […]

रांची : रांची जिले में पिछले चार वित्तीय वर्ष में कुल 19 योजनाएं स्वीकृत हुईं. इनमें से मात्र नौ याेजनाएं ही पूरी हो सकीं हैं. 10 योजनाएं आज भी अधूरी पड़ी हुई हैं. इन योजनाओं के लिए केंद्र द्वारा जिले को 6.45 करोड़ रुपये आवंटित किये गये. इनमें से 3.98 करोड़ रुपये खर्च भी हो गये. लेकिन, योजनाएं अब तक अधूरी हैं. यह योजनाएं वर्ष 2015-16 से चल रही हैं. विडंबना यह है कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में भी योजनाएं लंबित हैं.
जिले में वित्तीय वर्ष 2015-16 में सिर्फ दो योजनाएं स्वीकृत हुई थीं. लेकिन, दोनों अधूरी रह गयी हैं. वहीं, 2016- 17 में पांच योजनाओं में से सिर्फ एक योजना पूरी हो सकी है. जबकि, 2017-18 में सात में छह योजनाएं पूरी करने की बात कही गयी है. वहीं, चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 में पांच योजनाओं को स्वीकृति मिली हैं. अब तक एक भी पूरी नहीं हो पायी हैं. वित्तीय वर्ष खत्म होने में मात्र दो माह रह गये हैं.
अब तक बची हुई है राशि : चार वर्षों में योजनाएं लंबित रह गयी हैं, लेकिन करोड़ों रुपये खर्च हो गये. वित्तीय वर्ष 2015-16 में दो योजनाओं के लिए दो करोड़ से अधिक राशि अावंटित की गयी थी. इसमें पूरी राशि खर्च की गयी.
लेकिन, योजनाएं पूरी नहीं हुई. वहीं, वर्ष 2016-17,वर्ष 2017-18 में 50 फीसदी राशि खर्च की गयी. जबकि, वर्ष 2018-19 पांच योजनाओं के लिये 1.21 करोड़ रुपये आवंटित किये गये थे जो पूरी राशि बची हुई है. रांची जिले में बहु-क्षेत्रीय विकास कार्यक्रम( एमएसडीपी) के तहत अल्पसंख्यकों के विकास व सशक्तीकरण के साथ उनके इलाके के असंतुलन को दूर करने की योजना संचालित की गयी है.

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