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रांची : फसल बीमा के भुगतान में देर हुई, तो ब्याज भरेगी सरकार व बीमा कंपनियां
रांची : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमाकृत किसानों के दावों का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किया है़ सरकार की नयी गाइडलाइन में फसल के दो महीने के भीतर बीमा कंपनियों द्वारा, दावों के निबटारे के लिए समय सारिणी निर्धारित की गयी है़ किसानों के दावे का […]
रांची : प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत बीमाकृत किसानों के दावों का समय पर भुगतान सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने दिशा-निर्देश जारी किया है़ सरकार की नयी गाइडलाइन में फसल के दो महीने के भीतर बीमा कंपनियों द्वारा, दावों के निबटारे के लिए समय सारिणी निर्धारित की गयी है़
किसानों के दावे का समय पर भुगतान तभी संभव है, यदि राज्य सरकारों द्वारा बीमा कंपनियों को समय पर सब्सिडी और उपज का आंकड़ा जारी कर दिया गया हो़ राज्यसभा में सांसद महेश पोद्दार के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कृषि एवं कृषक कल्याण राज्यमंत्री पुरषोत्तम रुपाला ने यह जानकारी दी़
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि किसानों को समय पर दावों का भुगतान, बेहतर पारदर्शिता और दायित्व सुनिश्चित करने के दृष्टिकोण से सरकार ने योजना के ऑपरेशनल गाइडलाइन में संशोधन किया है़
यह संशोधन एक अक्तूबर से प्रभावी हो गया है़ नये दिशा-निर्देश के अनुसार दावों के निबटारे में भुगतान के लिए निर्धारित कट ऑफ डेट से 10 दिनों से अधिक विलंब होने पर किसानों को बीमा कंपनी द्वारा प्रति वर्ष 12% की दर से ब्याज के भुगतान का प्रावधान किया गया है़
बीमा कंपनियों द्वारा मांग किये जाने अथवा निर्धारित कट ऑफ डेट के बाद सब्सिडी के स्टेट शेयर की रिलीज में तीन महीने से अधिक देरी पर राज्य सरकारों को प्रतिवर्ष 12% की दर से ब्याज का भुगतान करना होगा़
किसानों की शिकायतों के निवारण के लिए जिला स्तरीय और राज्य स्तरीय ग्रिवांस सेल बनाया गया है़ केंद्र सरकार ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत खरीफ 2016 का स्वीकृत क्लेम 10494.68 लाख रुपये था, जिसके विरुद्ध 10481.80 लाख रुपये का भुगतान किया गया है़ 12.88 लाख रुपये का भुगतान बाकी है़
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