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झारखंड की आर्थिक समृद्धि में भागीदार बनेगी रांची-टोरी-बालूमाथ रेल लाइन
रेल अधिकारियों की टीम ने किया निरीक्षण, रेलवे की इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना दिखाया रांची : एडीआरएम अजीत सिंह यादव ने पत्रकारों को बताया कि रांची-टोरी रेलखंड पर मगरदाह में प्रदेश का सबसे ऊंचा पुल बनाया गया है. वहीं, घने जंगलों में प्राकृतिक झरने पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर खीच रहे हैं. श्री यादव […]
रेल अधिकारियों की टीम ने किया निरीक्षण, रेलवे की इंजीनियरिंग का बेहतरीन नमूना दिखाया
रांची : एडीआरएम अजीत सिंह यादव ने पत्रकारों को बताया कि रांची-टोरी रेलखंड पर मगरदाह में प्रदेश का सबसे ऊंचा पुल बनाया गया है. वहीं, घने जंगलों में प्राकृतिक झरने पर्यटकों को बरबस ही अपनी ओर खीच रहे हैं.
श्री यादव ने बताया कि इस रेलखंड की मदद से राज्य का खनिज देश के अन्य राज्यों तक पहुंचाया जा रहा है. वहीं, पिस्का से लोधमा नयी लाइन को जोड़ने का काम तेजी से चल रहा है.
इस रेलखंड का निर्माण कार्य वर्तमान एडीआरएम अजीत सिंह यादव की ही देखरेख में हुआ था. उस समय वे रेलवे के उप मुख्य अभियंता थे. बतौर एडीआरएम अपने द्वारा बनवाये गये रेलखंड का मुआयना करने के दौरान वे गद्गद दिखे. उन्होंने बताया कि यह पूरी लाइन नक्सलियों के मांद में था.
कार्य को पूरा करना एक चुनौती थी. इसके बावजूद कार्य को अंतिम मुकाम तक पहुंचाया गया. उन्होंने कहा कि मुगलदाह एक साल से पर्यटन के दृष्टिकोण से तेजी से विकसित हो रहा है. संसाधन विहीन होने के बावजूद मुगलदाह में दिनोदिन पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है. पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए झारखंड सरकार और रेलवे को एक साथ हाथ मिलाकर काम करना होगा.
एक्सेल काउंटर से दुर्घटना में आयेगी कमी : सीपीआरओ नीरज कुमार ने कहा कि इस रेलखंड में कई स्टेशनों पर रेलवे ने कुछ महीने पहले ही एक्सेल काउंटर लगाया है. इससे ट्रेन की दुर्घटना को रोका जा सकता है. कई स्टेशनों पर इसकी सुविधा बढ़ायी गयी है. यह सिस्टम बारिश में भी बेहतर सही ढंग से काम करता है. इसमें शार्ट सर्किट की समस्या नहीं होती है.
मुगलदाह पुल : झारखंड का सबसे ऊंचा पुल
एडीआरएम ने बताया कि 30 किमी लंबे बड़कीचपी-टोरी रेलखंड पर 60 छोटे-बड़े पुल हैं, जो भारतीय रेल इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट नमूना हैं. मुगलदहा में झारखंड का सबसे ऊंचा पुल बनाने में 72 मीटर गार्डर का उपयोग किया गया है. इस पुल की ऊंचाई 42 मीटर है. वहीं, डायामीटर 4.5 मीटर है. इसमें सात पिलर लगे हुए हैं. इसका काम 2013 में शुरू हुआ और 2015 में पुल बन कर तैयार हो गया.
टोरी-शिवपुर रेलखंड का काम पूरा, शिवपुर-कठोतिया लाइन का काम शुरू
रांची : टोरी-शिवपुर लाइन को ज्वाइंट वेंचर कंपनी सीसीएल ओर इरकॉन ने पूरा किया है. 44 किलोमीटर सिंगल रेल लाइन का कार्य पूरा हो गया है. इसका इंजन ट्रायल भी पूरा हो गया है और फाइनल टच दिया जा रहा है. वर्तमान में प्रतिदिन 6 से 8 रैक माल की ढुलाई की जा रही है. यहां से कोयला बिलासपुर, संबलपुर, दादरी ओर दक्षिण भारत के राज्यों में भेजा जा रहा है.
वहीं, शिवपुर-कठोतिया रेल लाइन के लिए 1200 एकड़ जमीन अधिग्रहण का काम में सरकार को 15 वर्ष लग गये. अब इस रेल लाइन के निर्माण कार्य इरकॉन ओर सीसीएल को दिया गया है. कठोतिया में कोयला खदान होने के कारण रेलवे लाइन की अहमियत बढ़ गयी है.
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