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मजदूर कन्वेंशन. दिल्ली की बैठक में फैसला
रांची : नयी दिल्ली के मावलंकर हॉल में अायोजित मजदूरों के कन्वेंशन में आठ और नौ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करने का निर्णय लिया गया. इसमें केंद्र सरकार पर मजदूर विरोधी नीति बनाने और मजदूरों के शोषण का आरोप लगाया गया. कन्वेंशन में 10 श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बैठक की अध्यक्षता झारखंड […]
रांची : नयी दिल्ली के मावलंकर हॉल में अायोजित मजदूरों के कन्वेंशन में आठ और नौ जनवरी को देशव्यापी हड़ताल करने का निर्णय लिया गया. इसमें केंद्र सरकार पर मजदूर विरोधी नीति बनाने और मजदूरों के शोषण का आरोप लगाया गया. कन्वेंशन में 10 श्रमिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. बैठक की अध्यक्षता झारखंड के रमेंद्र कुमार ने की.
कन्वेंशन में एटक के लखन लाल महतो, सीटू के डीडी रामानंदन ने भी हिस्सा लिया. श्री महतो ने बताया कि बैठक में केंद्र सरकार की नीतियों की विरोध किया गया. वक्ताओं ने कहा कि केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों से कई संस्थाएं बंद हो रही हैं. निजी कंपनियों को बढ़ावा मिल रहा है. श्रम कानून मालिकों के पक्ष में तैयार किया जा रहा है. मजदूरों के समर्थन वाले कानून समाप्त किये जा रहे हैं. ऐसा ही राजग समर्थित राज्यों में भी हो रहा है. मजदूरों की सुनवाई नहीं हो रही है.
झारखंड में होगा अभूतपूर्व बंद
लखन लाल महतो ने कहा कि केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर आयोजित इस बंद का झारखंड में व्यापक असर पड़ेगा. राज्य की सभी खदानों को बंद कराया जायेगा. पूर्व में भी झारखंड के मजदूर केंद्र सरकार के विरोध में सड़क पर उतर कर संघर्ष करते रहे हैं. इसको सफल बनाने के लिए सभी ट्रेड यूनियनों का चरणबद्ध कार्यक्रम तय होगा.
इसमें बंद को सफल बनाने की रणनीति पर विचार किया जायेगा. कार्यक्रम भी तय किये जायेंगे. बैठक में इंटक, एटक, हिमस, सीटू, एआइयूटीयूसी, टीयूसीसी, यूटीयूसी, सेवा, पीएलएफ एवं अन्य स्वतंत्र संगठनों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया.
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