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झारखंड में बिजली आपूर्ति चरमरायी, लोग परेशान

रांची : बारिश के कारण राजधानी रांची समेत राज्य भर में बिजली आपूर्ति चरमरा गयी है. रांची के कई इलाकों में 24 घंटे से बिजली गुल है. वहीं लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, लातेहार, पलामू, गढ़वा में भी घंटों बिजली बाधित रहने की शिकायत मिली है. संताल परगना के जामताड़ा, साहेबगंज, गोड्डा, पाकुड़, दुमका और देवघर […]

रांची : बारिश के कारण राजधानी रांची समेत राज्य भर में बिजली आपूर्ति चरमरा गयी है. रांची के कई इलाकों में 24 घंटे से बिजली गुल है. वहीं लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, लातेहार, पलामू, गढ़वा में भी घंटों बिजली बाधित रहने की शिकायत मिली है. संताल परगना के जामताड़ा, साहेबगंज, गोड्डा, पाकुड़, दुमका और देवघर में भी बिजली की लचर आपूर्ति हो रही है.
कोल्हान प्रमंडल के सरायकेला-खरसावां, जमशेदपुर और चाईबासा में भी पांच से छह घंटे तक बिजली काटे जाने की शिकायत मिली है. सिमडेगा और गिरिडीह में दिन भर जुलूस के कारण बिजली काट दी गयी थी. उधर डीवीसी कमांड एरिया के हजारीबाग, कोडरमा, चतरा, रामगढ़, बोकारो, धनबाद और गिरिडीह में आठ से 10 घंटे तक बिजली की कटौती जारी है. रांची के हरमू सब स्टेशन और सेवा सदन सब स्टेशन में 33 केवी लाइन ब्रेक डाउन हो जाने की वजह से रात दो बजे से ही पूरे इलाके में बिजली गुल थी.
दिन के 11 बजे करीब लाइन को ठीक किया गया तब सुचारु रूप से आपूर्ति हो सकी. आइटीआइ सब स्टेशन के सभी फीडरों से गुरुवार की रात नौ बजे से ही बिजली गुल है. कुछ देर के लिए बिजली मिली भी पर आधे घंटे से ज्यादा नहीं मिल रही थी. बताया गया कि 33 केवी और 11 केवी लाइन ब्रेक डाउन हो गया था. लालपुर, वर्धमान कंपाउंड, चेशायर होम रोड, बरियातू में दिन भर बिजली का आना-जाना लगा रहा. नामकुम फीडर से भी करीब 12 घंटे तक बिजली काटी गयी है.
टाटीसिलवे, अनगड़ा इलाके में भी करीब 13 घंटे तक बिजली गुल रही है. बताया गया कि नामकुम ग्रिड से 33 वोल्ट के तार में खराबी आ गयी थी. जिसके कारण नामकुम, टाटीसिलवे, मेन रोड अादि इलाकों में बिजली गुल थी. रातू रोड, पिस्का मोड़, मोरहाबादी, डोरंडा, धुर्वा, ललगुटवा समेत आसपास के कई इलाको में हर आधे घंटे पर बिजली काटे जाने की शिकायतमिली है.
कोयले के कारण डीवीसी के कई प्लांट से उत्पादन कम : कोयले की कमी के कारण डीवीसी के कोडरमा, चंद्रपुरा और बोकारो थर्मल पावर प्लांट से आधे से भी कम उत्पादन हो रहा है. जिसके कारण डीवीसी कमांड एरिया में 750 मेगावाट की जगह केवल 300 मेगावाट बिजली दी जा रही है. शेष इलाकों में भी 1200 मेगावाट की जगह 884 मेगावाट की ही आपूर्ति हो रही थी. जिसके कारण शेष इलाकों में भी लोड शेडिंग की जा रही थी.

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