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डीवीसी का 3300 करोड़ बकाया सात जिलों में घोर बिजली संकट, जानें क्या कहते हैं एमडी
सुनील चौधरी रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) पर डीवीसी का 3300 करोड़ रुपये बकाया है. इस कारण डीवीसी सीसीएल को कोयले का पैसा नहीं दे पा रहा. कोयले की कमी से बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है. परिणामत: डीवीसी कमांड एरिया के सात जिलों हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, धनबाद, बोकारो, और गिरिडीह में […]
सुनील चौधरी
रांची : झारखंड बिजली वितरण निगम (जेबीवीएनएल) पर डीवीसी का 3300 करोड़ रुपये बकाया है. इस कारण डीवीसी सीसीएल को कोयले का पैसा नहीं दे पा रहा.
कोयले की कमी से बिजली का उत्पादन प्रभावित हुआ है. परिणामत: डीवीसी कमांड एरिया के सात जिलों हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा, धनबाद, बोकारो, और गिरिडीह में बिजली संकट गहरा गया है.
12 दिनों से इन जिलों में सात से आठ घंटे तक बिजली की कटौती की जा रही है. यानी 24 घंटे में 16 घंटे ही बिजली मिल रही है. लोड शेडिंग कर बिजली आपूर्ति की जा रही है. िबजली संकट से कारोबार भी प्रभावित हो रहा है. झारखंड स्मॉल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन ने कहा है कि हजारीबाग में उद्योग बंद करने के हालात है.
बिजली की गंभीर स्थिति को लेकर हजारीबाग के सांसद और केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने शनिवार को बैठक की. डीवीसी के अधिकारियों ने कहा कि झारखंड बिजली वितरण निगम पर 3300 करोड़ रुपये बकाया है. पांच माह से भुगतान नहीं किया गया है. इस कारण सीसीएल को कोयले का बकाया भुगतान नहीं किया जा रहा है. सीसीएल भी चार रैक की जगह तीन रैक कोयला डीवीसी के कोडरमा थर्मल प्लांट को आपूर्ति कर रहा है. कम कोयले के कारण एक हजार मेगावाट के इस पावर प्लांट से 650 मेगावाट ही बिजली का उत्पादन हो रहा है.
बिजली कम उत्पादन होने की वजह से लोड शेडिंग कर बिजली की आपूर्ति की जा रही है. डीवीसी के अधिकारियों ने केंद्रीय मंत्री से बकाये राशि का भुगतान कराने की मांग की है. हालांकि डीवीसी को बोकारो थर्मल और चंद्रपुरा थर्मल से फुल लोड बिजली उत्पादन हो रहा है.
मिल रही है 400 मेगावाट बिजली : डीवीसी कमांड एरिया में डीवीसी हर दिन करीब 750 मेगावाट बिजली आपूर्ति करता है. गत 12 दिनों से डीवीसी सिर्फ 400 मेगावाट बिजली आपूर्ति कर रहा है.
ट्रेजरी में पैसा नहीं, डीवीसी का बिल अटका
डीवीसी के बकाया राशि के भुगतान को लेकर जेबीवीएनएल की ओर से 750 करोड़ रुपये का चेक दिया गया, जो ट्रेजरी में एक सप्ताह से लटका है.
वजह है कि सरकार की ट्रेजरी में इस समय इतनी बड़ी राशि नहीं है. जिसके कारण बिल अटका हुआ है. इधर बकाया राशि नहीं मिलने से डीवीसी लगातार बिजली की कटौती कर रहा है. डीवीसी हर माह लगभग 200 करोड़ रुपये की बिजली झारखंड बिजली वितरण निगम को बेचता है, जिससे इन सातों जिलों में बिजली आपूर्ति होती है.
क्या कहते हैं एमडी
डीवीसी को कोयले की कमी हुई है. इस कारण उत्पादन कम हो रहा है. यही वजह है कि कमांड एरिया में शेडिंग हुई है. बातचीत चल रही है. एक -दो दिनों में मामला सुलझ जायेगा. भुगतान का कोई मुद्दा नहीं है.
राहुल पुरवार, एमडी जेबीवीएनएल
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