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दुग्ध उत्पादन में पीछे है राज्य

रांची: दो दिवसीय सेमिनार के समापन समारोह में मुख्य अतिथि बीएयू के कुलपति डॉ एमपी पांडेय ने कहा कि राज्य दूध उत्पादन में अभी भी बहुत पीछे है. दुग्ध के लिए हम आज भी बिहार पर निर्भर हैं. राज्य को दूध उत्पादन में आत्म निर्भर बनाने के लिए हरा चारा जरूरी है. जानवरों को बेहतर […]

रांची: दो दिवसीय सेमिनार के समापन समारोह में मुख्य अतिथि बीएयू के कुलपति डॉ एमपी पांडेय ने कहा कि राज्य दूध उत्पादन में अभी भी बहुत पीछे है. दुग्ध के लिए हम आज भी बिहार पर निर्भर हैं.

राज्य को दूध उत्पादन में आत्म निर्भर बनाने के लिए हरा चारा जरूरी है. जानवरों को बेहतर तकनीक से पाला जाना चाहिए. इससे हम उत्पादन बढ़ा सकते हैं. नेशनल रिसर्च डेयरी इंस्टीटय़ूट, बेंगलुरु के प्रमुख डॉ सतीश कुलकर्णी ने बताया कि डेयरी उद्योग में स्वरोजगार की काफी संभावना है. इससे काफी लोगों को रोजगार दिया जा सकता है.

एनडीआरआइ कल्याण, प बंगाल के डॉ चंपक भक्त ने बताया कि जानवरों के अच्छे रख-रखाव से भी अधिक दूध उत्पादन किया जा सकता है. डॉ एस हक ने पशुओं को होनेवाली सामान्य बीमारी की जानकारी दी. इससे बचने के उपाय के बारे में बताया. वर्ल्ड मिल्क डे पर आयोजित गव्य विकास विभाग का दो दिवसीय सेमिनार सोमवार को संपन्न हुआ. धन्यवाद ज्ञापन विभाग के सहायक निदेशक अरुण कुमार पांडेय ने किया. इस मौके पर निदेशक डॉ आलोक कुमार पांडेय व सहायक निदेशक मुकुल प्रसाद सिंह भी मौजूद थे.

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