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रांची : रिम्स के सर्जन डॉ एसके अग्रवाल पर होगी कार्रवाई, पत्नी डॉ रश्मि को शो-कॉज जारी

रांची : राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के सर्जरी विभाग के चिकित्सक डॉ संदीप कुमार अग्रवाल निजी प्रैक्टिस में फंस गये हैं. इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से अनुशंसा की है. साथ ही एक माह के अंदर कार्रवाई प्रतिवेदन […]

रांची : राज्य के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल रिम्स के सर्जरी विभाग के चिकित्सक डॉ संदीप कुमार अग्रवाल निजी प्रैक्टिस में फंस गये हैं. इनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने के लिए लोकायुक्त जस्टिस डीएन उपाध्याय ने मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव से अनुशंसा की है. साथ ही एक माह के अंदर कार्रवाई प्रतिवेदन देने का निर्देश दिया है. वहीं रांची सदर अस्पताल में बतौर चिकित्सक पदस्थापित रहने के बाद भी खुद का निजी नर्सिंग होम चलाने में डॉ अग्रवाल की पत्नी डॉ रश्मि सिंह घिर गयी हैं.
इनके मामले में लोकायुक्त ने डॉ रश्मि को शो-कॉज करने को कहा है. कहा है कि डॉ रश्मि सदर अस्पताल में कार्यरत रहते हुए झारखंड लोक सेवा संहिता का उल्लंघन करते हुए रांची के बरियातू में आशीर्वाद हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर का संचालन करती हैं.
ऐसे में इनके विरुद्ध विधि सम्मत कार्रवाई करने की अनुशंसा राज्य सरकार से क्यों नहीं की जाये. लोहरदगा के रवि कुमार की मां दुर्गा देवी की आशीर्वाद हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम में इलाज के दौरान हुई मौत के मामले में उक्त आदेश दिया गया है. डॉ अग्रवाल के मामले में प्रभात खबर में एक मार्च के अंक में खबर प्रकाशित हुई थी.
रवि गुप्ता ने लोकायुक्त के यहां शिकायत की थी कि मां दुर्गा देवी को पेट में दर्द होने पर लोहरदगा में डॉ एसके अग्रवाल से दिखाया था. वे बोले कि गॉल ब्लाडर में स्टोन है. इसे निकालने की व्यवस्था रिम्स में नहीं है. हमारा रांची में आशीर्वाद नर्सिंग होम है, वहां ले आना. नर्सिंग होम में मां को भर्ती कराने पर अल्ट्रासाउंड कर बताया गया कि सीबीडी में स्टोन छह एमएम गुने 4.1 एमएम है. लंग्स में पानी का कलेक्शन 160 एमएल है.
उस वक्त मां चलने-फिरने में असमर्थ थी. फिर भी उन्हें जबरन डिस्चार्ज कर दिया गया. 31 अगस्त 2017 को मां की तबीयत फिर खराब हो गयी. इन्हें गुरुनानक अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां अल्ट्रासाउंड में सीएनबी 8.8 एमएम और स्मॉल कैलकुलस 7.5 एमएम और पेट के अलावा सीने में इंफेक्शन बताया गया. अस्पताल में 15 दिनों तक आइसीयू में भर्ती रहने के बाद मां मर गयी. यह आशीर्वाद अस्पताल के संचालक की लापरवाही के कारण हुआ.
पैसे लेकर इलाज करते हैं डॉ एसके अग्रवाल
लोहरदगा एसपी ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि डॉ एसके अग्रवाल रिम्स के सर्जरी विभाग के डॉक्टर हैं. इनकी पत्नी डॉ रश्मि प्रसाद भी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. दोनों लोहरदगा के राजेश प्रसाद के मेडिकल हॉल से सटे एक कमरे में निजी प्रैक्टिस करते हैं.
दोनों साथ में वहां पर सप्ताह में रविवार को आते हैं और मरीजों को देखते हैं. मरीज को देखने की फीस प्रति मरीज 200 रुपये ली जाती है. जबकि रांची के सिटी एसपी अमन कुमार ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि रिम्स में सरकारी चिकित्सक रहते हुए भी डॉ अग्रवाल की पत्नी डॉ रश्मि प्रसाद द्वारा बरियातू में संचालित आशीर्वाद नर्सिंग होम में निजी प्रैक्टिस किया जाता है.
जांच में उन्हें मरीजों का इलाज करते पाया गया है. हालांकि डॉ अग्रवाल ने कहा है कि उनकी पत्नी द्वारा संचालित अस्पताल में वे कभी-कभार मरीजों की देखभाल करने चले जाते हैं. इस मामले में रिम्स के डायरेक्टर ने तीन सदस्यीय टीम जांच के लिए बनायी. टीम ने डॉ अग्रवाल को बिना जांच किये ही आरोप मुक्त कर दिया. डायरेक्टर ने भी उस रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर को आरोप मुक्त कर दिया था.
डॉ रश्मि सदर अस्पताल में चिकित्सक के पद पर
जांच में यह बात भी सामने आयी कि डॉ रश्मि सिंह रांची सदर अस्पताल में कार्यरत हैं. वहीं से उनके नर्सिंग होम आशीर्वाद हॉस्पिटल एंड नर्सिंग होम का निबंधन है. ऐसे में विभाग की कार्यशैली भी सवालों के घेरे में है. मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी ने डॉ रश्मि के सदर अस्पताल में पदस्थापित होने की बात अपनी रिपोर्ट में कही है.

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