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कस्तूरबा गांधी विद्यालयों का रिजल्ट शत-प्रतिशत

रांचीः कम संसाधन के बावजूद राज्य के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रओं ने मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में शानदार सफलता अर्जित की है. कई जिलों में शत-प्रतिशत छात्राएं सफल रहीं. रांची में 13 में से 11 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का रिजल्ट शत-प्रतिशत हुआ. झारखंड में कुल 203 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हैं. […]

रांचीः कम संसाधन के बावजूद राज्य के कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्रओं ने मैट्रिक व इंटर की परीक्षा में शानदार सफलता अर्जित की है. कई जिलों में शत-प्रतिशत छात्राएं सफल रहीं. रांची में 13 में से 11 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय का रिजल्ट शत-प्रतिशत हुआ.

झारखंड में कुल 203 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय हैं. विडंबना यह है कि इन विद्यालयों में सभी विषयों के न तो शिक्षक हैं, न ही रहने की समुचित व्यवस्था. विद्यालय में स्थायी शिक्षकों की नियुक्ति तक नहीं हुई है. एक कस्तूरबा गांधी विद्यालय में शिक्षक व कर्मचारी के कुल 25 पद सृजित किये गये है.

पर किसी विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हुई है. विद्यालय में कक्षा नौ से 12 तक की पढ़ाई के लिए एक विद्यालय में औसतन पांच शिक्षक हैं. सभी शिक्षक कांट्रेक्ट पर रखे गये हैं. शिक्षकों को प्रति कक्षा के 150 रुपये के हिसाब से मानदेय का भुगतान किया जाता है. प्लस टू स्तर पर कम से कम 12 शिक्षक होना अनिवार्य है. सभी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों का अपना भवन भी नहीं हैं.

मानव संसाधन विकास विभाग ने सभी प्रखंडों में एक और कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय खोलने योजना बनायी है. इसके लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा गया था, सहमति नहीं मिली. अब राज्य सरकार कल्याण विभाग के सहयोग से इन विद्यालयों को खोलने की तैयारी कर रहा है. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में एससी-एसटी व अल्पसंख्यक छात्रओं के लिए 75 फीसदी सीट आरक्षित हैं. 25 फीसदी सीट पर भी बीपीएल छात्रओं का नामांकन होता है. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय ऐसे क्षेत्र में खोला जाता है जहां जहां एसटी, एससी, ओबीसी व अल्पसंख्यक समुदायों की लड़कियों में साक्षरता कम हो. इन स्कूलों में पढ़नेवाली लड़कियों को किताब, भोजन आदि सरकार उपलब्ध कराती है. विद्यालय में कक्षा छह में वैसी छात्रओं का नामांकन लिया जाता है, जो किसी कारण से स्कूल जाना छोड़ चुकी रहती हैं. इनमें में प्लस टू स्तर पर केवल कला व वाणिज्य की पढ़ाई होती है. विद्यालय में विज्ञान की पढ़ाई नहीं होती है.

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