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प्रेमचंद मानते थे िक जाति विहीन होना चाहिए राष्ट्र

रांची : मुंशी प्रेमचंद की 138 वीं जयंती पर डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान मोरहाबादी में संगोष्ठी आयोजित हुई. इसका विषय था प्रेमचंद साहित्य के आलोक में राष्ट्र की संकल्पना. कार्यक्रम में विषय प्रवेश कराते हुए संस्थान के निदेशक अौर साहित्यकार रणेंद्र ने कहा कि न सिर्फ प्रेमचंद का लेखन, बल्कि उनके जीवन में […]

रांची : मुंशी प्रेमचंद की 138 वीं जयंती पर डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान मोरहाबादी में संगोष्ठी आयोजित हुई. इसका विषय था प्रेमचंद साहित्य के आलोक में राष्ट्र की संकल्पना. कार्यक्रम में विषय प्रवेश कराते हुए संस्थान के निदेशक अौर साहित्यकार रणेंद्र ने कहा कि न सिर्फ प्रेमचंद का लेखन, बल्कि उनके जीवन में भी काफी समानता दिखती है.

राष्ट्र की अवधारणा के संबंध में उनके लेख-क्या हम वास्तव में राष्ट्रवादी हैं को पढ़ना महत्वपूर्ण है. प्रेमचंद का मानना था कि राष्ट्र को जाति विहीन होना चाहिए. यह देश न तो ब्राह्मण का हो, न राजपूत का, न कायस्थ का अौर न ही हरिजन का, बल्कि सभी भारतवासी होने चाहिए. उसी तरह संपत्ति भी राष्ट्र की होनी चाहिए, किसी व्यक्ति विशेष की नहीं. साहित्यकार डॉ जमशेद कमर ने कहा कि आज राष्ट्र को लेकर जिस तरह की अवधारणा दिख रही है, उसमें एक ही रंग है. हिंदुस्तान की जो वास्तविक शक्ल है, उसे प्रेमचंद अपनी रचनाअों में दिखाते हैं.
आज राष्ट्र के संबंध में जिस तरह की बातें आ रही हैं,
उसका जवाब प्रेमचंद का साहित्य है. साहित्यकार महादेव टोप्पो ने कहा कि प्रेमचंद ने किसानों के बारे में जो लिखा वह सर्वव्यापी है. उनकी कहानियां स्कूल के समय से ही पढ़ता रहा हूं. पूस की रात कहानी को पढ़ते हुए मुझे मेरा गांव याद आता है. देश को समझने की जो दृष्टि प्रेमचंद में थी, वह दूसरों में नहीं है. इससे पूर्व कहानीकार पंकज मित्र ने कहा कि प्रेमचंद की रचनाअों में सबसे पहले संवेदना दिखती है. ईदगाह कहानी अौर उसके पात्र हामिद की याद आती है. आज कितने ही बच्चे मॉल में घूमते हैं, उनमें कितनों को अपने दादा या दादी की याद आती होगी? साहित्यकार कौलेश्वर ने कहा कि प्रेमचंद साहित्य के गहन चिंतक थे. उनका मानना था कि साहित्य सत्य अौर सुंदर को दिखाता है.
कफन का नाट्य पाठ : इस अवसर पर कहानीकार पंकज मित्र अौर रंगकर्मी दिनेश कुमार लाल ने प्रेमचंद की कहानी कफन का नाट्य पाठ किया. साथ ही उनकी कहानी सदगति पर आधारित फिल्म का भी प्रदर्शन हुआ. कार्यक्रम में उमेश नजीर सहित अन्य उपस्थित थे.

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