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झारखंड सरकार ने 2596.86 करोड़ का प्रथम अनुपूरक बजट किया पेश
रांची : राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 2596.86 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया. इससे सरकार पर 484.75 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा. संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया. सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत […]
रांची : राज्य सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष के लिए 2596.86 करोड़ रुपये का प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया. इससे सरकार पर 484.75 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा. संसदीय कार्य मंत्री नीलकंठ सिंह मुंडा ने सदन में प्रथम अनुपूरक बजट पेश किया. सदन की कार्यवाही समाप्त होने के बाद उन्होंने पत्रकारों से बातचीत करते हुए अनुपूरक बजट की विस्तृत जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि अनुपूरक में निहित राशि में से 653.78 करोड़ रुपये का प्रावधान राज्य योजना के लिए किया गया है. केंद्रीय योजना के लिए 483.44 करोड़, केंद्र प्रायोजित योजना के लिए केंद्रांश के रूप में 718.84 करोड़ और राज्यांश के रूप में 252.73 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
अनुपूरक बजट में एकीकृत बिहार के समय रिटायर हुए कर्मचारियों के पेंशन दायित्वों के लिए 420 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. संसदीय कार्य मंत्री ने बताया कि अनुपूरक बजट में खर्च के लिए किये गये 2596.86 करोड़ रुपये के प्रावधान में से केंद्र सरकार से 1109.65 करोड़ रुपये मिलेंगे. इसके अलावा विभिन्न विभागों के लिए पहले से किये गये प्रावधान में से संबंधित विभागों द्वारा किये गये सरेंडर से 1002.46 करोड़ रुपये मिलेंगे. इसलिए अनुपूरक से सरकार पर सिर्फ 484.75 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा.
राज्य योजना के लिए 653.78 करोड़ रुपये का किया गया है प्रावधान
अनुपूरक की खास बातें
प्रभावित क्षेत्र के लिए 260 करोड़
पुलिस आधुनिकीकरण के लिए 45.86 करोड़
बटाने जलाशय से विस्थापितों को मुआवजा के लिए 96 करोड़
स्वर्णरेखा बहुद्देशीय परियोजना के लिए 215 करोड़ रुपये
पिछड़े जिलों के लिए 204 करोड़
ऊर्जा के लिए 200 करोड़
केंद्र योजना के तहत छात्रवृति के लिए 174.42 करोड़
प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए 70 करोड़ रुपये
नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन के लिए 89.29 करोड़
राष्ट्रीय पोषण अभियान के लिए 80.37 करोड़
विभाग राशि
कृषि 3007.78
पशुपालन 125.88
राज्यपाल सचिवालय 79.32
निगरानी 4.00
ऊर्जा 20000.00
उत्पाद 1.70
वित्त 1.50
ब्याज अदायगी 200.00
पेंशन 42000.00
वाणिज्यकर 683.11
खाद्य आपूर्ति 942.80
वन पर्यावरण 1575.66
स्वास्थ्य 4839.78
उच्च शिक्षा 73.00
गृह 31347.17
उद्योग 4.44
सांस्थिक वित्त 4.18
श्रम नियोजन 26.10
विधि 121.00
हाइकोर्ट 198.02
अल्पसंख्यक कल्याण 186.67
विभाग राशि
विधानसभा 27.00
लोक सेवा आयोग 50.00
योजना 20764.39
पेयजल 1824.65
निबंधन 0.25
आपदा प्रबंधन 37.76
भू-राजस्व 150.31
पथ निर्माण 3.39
ग्रामीण विकास 8941.18
विज्ञान प्रावैधिकी 2363.62
सूूचना प्रावैधिकी 173.00
परिवहन 22.00
नगर विकास 9884.87
जल संसाधन 310340.68
कल्याण 17493.23
मत्स्य 270.50
आरइओ 42514.10
पंचायती राज 6000.00
सेकेंडरी एजुकेशन 149.58
प्राथमिक शिक्षा 4500.00
समाज कल्याण 8040.98
कुणाल षाड़ंगी आैर सीमा धरना पर बैठे
रांची : विधानसभा के मानसून सत्र के दूसरे दिन झामुमो के बहरागोड़ा विधायक कुणाल षाड़ंगी व सिल्ली विधायक सीमा देवी तख्ती लेकर विधानसभा के गेट के सामने धरना पर बैठे. कुणाल षाड़ंगी बहरागोड़ा बाजार पथ के विस्तारीकरण की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि इसको लेकर उन्होंने कई बार पत्राचार किया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गयी. हमें आश्वासन नहीं, ठोस निर्णय चाहिए. इधर, सीमा महतो ने चोडेसेरेना पुल की अनियमितता की जांच करा कर दोषी लोगों पर कार्रवाई करने की मांग की. साथ ही पुल निर्माण का कार्य शुरू करने का आग्रह किया.
भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ विपक्ष ने की नारेबाजी
विधानसभा की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों के विधायकों ने विधानसभा गेट के सामने भूमि अधिग्रहण संशोधन बिल को निरस्त करने को लेकर नारेबाजी की. इसमें झामुमो, कांग्रेस व झाविमो के विधायक शामिल थे.
आमरण अनशन पर बैठे शिवपूजन मेहता
रांची : हुसैनाबाद के विधायक कुशवाहा शिवपूजन मेहता मंगलवार को विधानसभा के गेट के सामने आमरण अनशन पर बैठे. श्री मेहता ने राज्य सरकार से एससी, एसटी एवं ओबीसी की आरक्षण सीमा को 50 प्रतिशत से बढ़ा कर 75 प्रतिशत करने की मांग की. साथ ही जपला सीमेंट फैक्टरी को भी पुन: स्थापित करने की मांग की. सदन की कार्यवाही खत्म होने के बाद मुख्यमंत्री भी शिवपूजन मेहता से मिले. इसके बावजूद वे अनशन पर बैठे रहे. श्री मेहता ने कहा कि जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिलेगा, तब तक अनशन जारी रहेगा.
जमीन बचे, तब तो हो सुखाड़ पर चर्चा : प्रदीप यादव
रांची : झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि जब जमीन बचेगी, तब तो सुखाड़ पर चर्चा होगी. सरकार जमीन लूट में लगी है. सत्ता पक्ष के विधायक सुखाड़ की बात कर लोगों का ध्यान डायवर्ट करना चाहते हैं. सुखाड़ पर सरकार को काम करना चाहिए. सत्ता पक्ष की ओर से इस पर चर्चा कराने की बात शर्मनाक है. सुर्खियां बटोरने के लिए इसे सामने लाया जा रहा है.
हिटलरशाही फरमान के तहत सदन चलना चाहती है सरकार : कुणाल
झामुमो विधायक कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि सरकार हठधर्मिता पर अड़ी हुई है. हिटलरशाही फरमान के तहत सदन चलाना चाहती है. सरकार ने जमीन लूटने की योजना बना ली है.
सीएनटी एक्ट का उल्लंघन कर शिबू व हेमंत ने खरीदी जमीन : बिरंची
भाजपा विधायक बिरंची नारायण ने शिबू सोरेन व हेमंत सोरेन पर राज्य भर में नौ जगहों पर सीएनटी-एसपीटी एक्ट का उल्लंघन कर जमीन खरीदने का आरोप लगाया. साथ ही इसकी जांच कराने की मांग की.
वित्तीय कुप्रबंधन है अनुपूरक : सुखदेव
कांग्रेस विधायक सुखदेव भगत ने कहा कि अनुपूरक बजट लाना वित्तीय कुप्रबंधन का हिस्सा है. अनुपूरक बजट वैसे काम के लिए लाया जाना चाहिए, जिसका प्रावधान बजट में नहीं है. इसके माध्यम से सरकार बजट का आकार बढ़ा लेती है. छह माह में बजट की आधी राशि खर्च नहीं हो पायी है.
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