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झारखंड आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन का विरोध किया
रांची : झारखंड आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन का विरोध करते हुए कहा है कि यह संशोधन झारखंड के आदिवासियों व मूलवासियाें के लिए मौत का कुआं साबित होगा. इसे वापस लिया जाये. मोर्चा ने टीएसी के सभी सदस्यों से भी इस्तीफा देने की मांग की है. रविवार को होटल गंगा […]
रांची : झारखंड आदिवासी संघर्ष मोर्चा ने भूमि अधिग्रहण अधिनियम में संशोधन का विरोध करते हुए कहा है कि यह संशोधन झारखंड के आदिवासियों व मूलवासियाें के लिए मौत का कुआं साबित होगा. इसे वापस लिया जाये. मोर्चा ने टीएसी के सभी सदस्यों से भी इस्तीफा देने की मांग की है.
रविवार को होटल गंगा आश्रम में प्रेस कॉन्फ्रेंस में मोर्चा के मुख्य संयोजक डॉ करमा उरांव ने कहा कि संशोधन कर सरकार बिना रोक-टोक के कॉरपोरेट जगत व सरकारी प्रयोजन के लिए जमीन अधिग्रहित करना चाहती है. इससे सीएनटी व एसपीटी एक्ट निष्प्रभावी हो जायेगा़ उन्होंने कहा कि टीएसी के सदस्यों ने आदिवासियों और मूलवासियों के मौलिक हितों, जमीन व जीवन की सुरक्षा के साथ धोखा किया है़
मड़ई में हिंदू संगठनों द्वारा लगाये गये झंडे को हटाया जाये : मोर्चा के प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि गुमला के घाघरा में मंडप (मड़ई) में हिंदू संगठनों द्वारा अतिक्रमण किये जाने और स्वरूप परिवर्तन का विरोध करने वाले आदिवासियों पर झूठा मुकदमा दर्ज कराया गया है.
इसे वापस लिया जाये़ सरना आदिवासियों को उनके पवित्र स्थल पर उनके पारंपरिक अनुष्ठान संपन्न करने में प्रशासन मदद करे. मड़ई में हिंदू संगठनों द्वारा लगाये गये झंडा को प्रशासन हटवाये़ मौके पर एलएम उरांव, भीखम उरांव, रतन लाल सिंह मुंडा, सोमा मुंडा, विनय मुंडू, दिनेश उरांव आदि मौजूद थे़
हूल दिवस पर संकल्प सभा की जायेगी : इस मौके पर निर्णय लिया गया कि 30 जून को हूल दिवस के मौके पर संताल विद्रोह के महानायक सिदो-कान्हू व चांद-भैरव के बलिदान की स्मृति में बिहार क्लब सभागार में संकल्प सभा व परिचर्चा का आयोजन किया जायेगा. इसमें सभी सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि, बुद्धिजीवी, प्रबुद्ध नागरिक व राजनेताओं को आमंत्रित किया जायेगा़ वहीं नौ अगस्त को अंतरराष्ट्रीय आदिवासी दिवस के मौके पर घाघरा, गुमला में विराट आदिवासी दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा़ इसमें धर्मांतरण, आदिवासी संस्कृति की रक्षा आदि पर चर्चा होगी़
रांची. केंद्रीय सरना समिति ने भूमि अधिग्रहण बिल के खिलाफ आदिवासी सेंगल अभियान द्वारा 18 जून को बुलाये गये झारखंड बंद को समर्थन किया है़
इस मुद्दे पर रविवार को अजय तिर्की की अध्यक्षता मेें केंद्रीय सरना समिति के हरमू स्थित उप कार्यालय में बैठक हुई. समिति ने बुद्धिजीवियों, सामाजिक संगठनों, सभी जिले के प्रतिनिधियों से आह्वान किया है कि बंद को प्रभावी बनाने के लिए सक्रिय रहे़ं सदस्यों ने कहा कि यह बिल आदिवासियों के जल, जंगल जमीन छीनने के लिए है़.
वर्ष 2013 के भूमि अधिग्रहण बिल को समर्थन देने एवं लागू करवाने के लिए बंद को सफल करना जरूरी है़ बैठक में संदीप तिर्की, दीपक भगत, अजय टोप्पो, सोनू खलखो, झरिया उरांव, कुंदरसी मुंडा, अजीत लकड़ा, शशिकांत भगत, पंकज तिग्गा, महादेव उरांव, रोशन लकड़ा, महेश इंदवार, संजू मिंज, शिवरन मुंडा, प्रकाश मुंडा, अॉल्विन लकड़ा व अन्य शामिल थे़
रांची : आदिवासी जन परिषद ने भूमि अधिग्रहण बिल को राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी दिये जाने के विरोध में अलबर्ट एक्का चौक पर मुख्यमंत्री रघुवर दास का पुतला फूंका.इस अवसर पर कार्यकारी अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहा कि इस संशोधन बिल ने आदिवासी व मूलवासियों की कृषि योग्य भूमि को समाप्त करने का रास्ता खोल दिया है़ इस बिल के पारित होने पर ग्राम सभा से पूछे बिना कार्यपालिका की शक्ति से जमीन छीनी जायेगी़ पंचपरगना क्षेत्रों में मुंडा, मानकी, खूंटकटी, भूईंहरी लाखों एकड़ जमीन गैर कृषि भूमि में तब्दील हो जायेगी़ हम किसी भी कीमत पर कृषि योग्य जमीन पूंजीपतियों को नहीं देंगे़
भाजपा व आजसू झारखंड को बरबाद करने पर आमादा है़ इस अवसर पर रतन लाल सिंह मुंडा, रवि पीटर, महादेव मुंडा, रंजीत टोप्पो, अंथन लकड़ा, रंजीत उरांव, किस्टो कुजूर, श्रवण लोहरा, अर्जुन प्रमाणिक, पंकज उरांव, बबीता कुमारी, विजय उरांव, शत्रुघ्न बेदिया व अन्य मौजूद थे़
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