रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग के फील्ड में तैनात पदाधिकारी अनाज व तेल आवंटन के एवज में वसूली के लिए बदनाम हैं. इधर सिस्टम में लगी इस जंग का असर उपभोक्ता पर पड़ रहा है.
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नीलामी के लिए 20 जून से लगेगी बोली डीलर ने कहा प्रति व्यक्ति एक किलो अनाज कम देंगे
रांची : खाद्य आपूर्ति विभाग के फील्ड में तैनात पदाधिकारी अनाज व तेल आवंटन के एवज में वसूली के लिए बदनाम हैं. इधर सिस्टम में लगी इस जंग का असर उपभोक्ता पर पड़ रहा है. ताजा मामला कांके (बोरेया) की राशन डीलर अंजू देवी से जुड़ा है. एक उपभोक्ता ने अपने साथ डीलर के पति […]
ताजा मामला कांके (बोरेया) की राशन डीलर अंजू देवी से जुड़ा है. एक उपभोक्ता ने अपने साथ डीलर के पति की हुई बातचीत रेकॉर्ड की है. उस बातचीत का लब्बोलुबाब यह है कि डीलर प्रति व्यक्ति एक किलो अनाज कम देती है. यानी यदि पांच व्यक्ति के परिवार को पांच किलो प्रति सदस्य के हिसाब से 25 किलो अनाज मिलना चाहिए, तो उसे सिर्फ 20 किलो मिलता है. डीलर के पति यह स्पष्ट करते हैं कि उन्हें बोरे में कम अनाज मिलता है, तो वह क्या करें. वह यह भी कहते हैं कि इस बात की शिकायत उपभोक्ता चाहे, तो कहीं भी कर सकता है.
सिमडेगा में तो लाभुक के साथ हाथापाई भी कर दी थी: इससे पहले सिमडेगा के बीरू की डीलर सुधा मिश्रा के पति ने तो तय मात्रा में अनाज देने की जिद करने वाले एक लाभुक के साथ हाथापाई भी कर दी थी. इससे भी पहले धुर्वा के राशन डीलर भगवान सिंह ने तो एक उपभोक्ता को साफ कह दिया था कि साल में तीन माह का अनाज वह खायेंगे. यानी लाभुक को सिर्फ नौ माह का ही अनाज मिलेगा. ये उदाहरण यह बताने के लिए पर्याप्त है कि खाद्य आपूर्ति विभाग सिस्टम में सुधार करने में विफल है.
विभाग ने माना कि डोर स्टेप में होती है चोरी
एक विभागीय अधिकारी ने कहा कि डोर स्टेप डिलिवरी में चोरी की शिकायत आम है. डीएसअो रांची ने तो 12 जून को हुई विभागीय बैठक में सचिव के सामने ही स्पष्ट कर दिया था कि डोर स्टेप में चोरी हो रही है. उधर मार्केटिंग अफसर (एमअो) से डीएसअो लोगों की अपेक्षा में कोई कमी नहीं अायी है. यानी डोर स्टेप डिलिवरी वाले जहां अनाज मार कर मालामाल हो रहे हैं, वहीं एमअो डीलर से अपना हक मांगते हैं. पर बेचारे लाभुक का हक कौन दिलायेगा? गौरतलब है कि रांची अनुभाजन क्षेत्र के मार्केटिंग अॉफिसर (अब सेवानिवृत्त) राजेंद्र कुमार का हिनू स्थित अपने आवास पर ही एक डीलर से लाभुकों की संख्या (राशन कार्ड) बढ़ाने के लिए 10 हजार रु लेने संबंधी अॉडियो सामने आया था. प्रभात खबर में इससे संबंधित खबर भी छपी थी.
आज भी तय मात्रा में
लाभुकों को राशन मिलना बना हुआ है सपना
सिस्टम का जंग छुड़ाने में सफल नहीं हो पा रहा है खाद्य आपूर्ति विभाग
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