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भगत ने लगाया डायन-बिसाही का आरोप, वृद्ध दंपती ने बैल बेचकर भरा 20 हजार रुपये जुर्माना

जगरनाथ/अजीत घाघरा/रांची : डायन-बिसाही का आरोप लगा कर एक परिवार से गांव के कुछ लोगों द्वारा आर्थिक दंड के तौर पर डेढ़ लाख रुपये मांगे जाने का मामला उजागर हुआ है. बाद में पीड़ित परिवार की स्थिति पर गौर करते हुए आर्थिक दंड का रकम डेढ़ लाख रुपये की जगह 25 हजार रुपये तय किया […]

जगरनाथ/अजीत
घाघरा/रांची : डायन-बिसाही का आरोप लगा कर एक परिवार से गांव के कुछ लोगों द्वारा आर्थिक दंड के तौर पर डेढ़ लाख रुपये मांगे जाने का मामला उजागर हुआ है. बाद में पीड़ित परिवार की स्थिति पर गौर करते हुए आर्थिक दंड का रकम डेढ़ लाख रुपये की जगह 25 हजार रुपये तय किया गया. रकम तय होने के बाद पीड़ित परिवार द्वारा अब तक 20 हजार रुपये जुर्माना दिया चुका है. पीड़ित परिवार ने अपने बैलों को बेच कर 20 हजार रुपये का जुगाड़ किया था. यह मामला घाघरा थाना क्षेत्र के अरंगी अंबाटोली गांव का है.
बताया गया कि इस गांव की धनिया देवी व उसके पति बॉबी माली पर गांव के लोगों ने डायन-बिसाही व ओझागुणी काआरोप लगाया है.
यह मामला तब उजागर हुआ, जब पीड़ित परिवार बाकी के पांच हजार रुपये की जुगाड़ के लिए अपने धान बेचने घाघरा मुख्यालय पहुंचा था. जहां पीड़िता धनिया देवी ने बताया कि एक माह पूर्व उसके एक पड़ोसी संबंधी मंगरी देवी का 17 वर्षीय पुत्र घमड़ु महली की मृत्यु पेट दर्द के कारण हो गयी थी. इस पर घमड़ु के परिवार और गांव गांव वाले मुझे डायन बता कर झाड़ फूंक कराने के लिए लोहरदगा जिला के सेन्हा प्रखंड स्थित चितरीदाड़ु ले गये. वहां भगत ने भी मुझे डायन बताया.
भगत ने कहा कि इसे लगातार तीन दिन तक लाना. इसका डायन-बिसाही खत्म कर दूंगा. धनिया ने बताया कि लोग उसे लगातार दो दिन से भगत के पास झाड़ फूंक कराने ले जा रहे हैं. बाद में कुछ जनप्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद आर्थिक दंड का पैसा 25 हजार रुपये में तय हुआ. बैल बेच कर 20 हजार दे चुकी हूं.
आप लोगों के माध्यम से जानकारी मिल रही है. गांव जाकर मामले की जांच करेंगे. दोषी पाये जाने वालों पर कार्रवाई करेंगे.
मणिलाल राणा, थाना प्रभारी, घाघरा
पीड़ित परिवार भय में
पीड़ित परिवार में कुल छह सदस्य हैं, जिसमें पीड़िता धनिया देवी उसका पति बॉबी महली, बेटा सुरेश महली, बहू अनिता महली और दो बच्चे साथ में रहते हैं. पूरे परिवार में भय का माहौल है. पीड़िता के पुत्र सुरेश ने बताया कि गांव में ही सब कुछ है. गांव में रहना है. हो सकता है कि गांव वाले इससे भी बड़ी कार्रवाई करें.
कमाने-खाने के लिए दूसरे राज्य जायेंगे
पीड़िता के पति बॉबी माली ने बताया कि जान बचाना था. गांव वालों से संबंध नहीं बिगाड़ना था. मजबूरी में क्या करते, बैल बेच कर पैसा तो दे दिये हैं. बाकी पांच हजार का धान बेच कर दे देंगे. इसी तरह बस हमलोग पूरे परिवार की जान बच जाये. कमाने-खाने के लिए दूसरे राज्य जायेंगे.

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