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बहाली में स्थानीय को रोकने का हो रहा षडयंत्र : उमाकांत

रांची : पूर्व मंत्री उमाकांत रजक के नेतृत्व में मंगलवार को आजसू का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिला और उन्हें स्मार पत्र सौंपा. उन्हें बताया गया कि दारोगा बहाली और जेपीएससी में स्थानीय को रोकने के लिए चयन आयोग षड्यंत्र कर रहा है. वर्ष 2017 में दारोगा भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित हुआ […]

रांची : पूर्व मंत्री उमाकांत रजक के नेतृत्व में मंगलवार को आजसू का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिला और उन्हें स्मार पत्र सौंपा. उन्हें बताया गया कि दारोगा बहाली और जेपीएससी में स्थानीय को रोकने के लिए चयन आयोग षड्यंत्र कर रहा है.
वर्ष 2017 में दारोगा भर्ती के लिए विज्ञापन प्रकाशित हुआ था. इसको लेकर अभ्यर्थियों ने अंचल कार्यालय द्वारा निर्गत जाति प्रमाण समर्पित किया है. इसे स्वीकारते हुए चयन आयोग ने आरक्षण देकर पीटी, मेंस, मेडिकल और फिजिकल में पास किया, लेकिन नियुक्ति के वक्त अंचल कार्यालय द्वारा निर्गत जाति प्रमाण पत्र को खारिज किया जा रहा है. इससे 259 अभ्यर्थियों के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है.
प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से 259 अभ्यर्थियों की बहाल के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया. बताया गया कि 28 जनवरी से जेपीएससी की मेंस परीक्षा अनिश्चितकाल के लिए स्थगित है.
दूर-दूर तक मेंस परीक्षा होने की संभावना नजर नहीं आ रही है. ऐसे हालात में नवयुवकों को पांच वर्ष में मात्र एक बार प्रशासनिक सेवा में आने का अवसर मिलेगा. इसकी वजह से प्रशासनिक सेवा में स्थानीय युवकों का अभाव हमेशा बना रहेगा. जब तक प्रशासनिक सेवा में आदिवासी/मूलवासी पदस्थापित नहीं होंगे, झारखंड समृद्ध नहीं हो सकता है.
प्रतिनिधिमंडल में आजसू के केंद्रीय उपाध्यक्ष हसन अंसारी, अल्पसंख्यक महासभा के अध्यक्ष नजरूल हसन हाशमी, केंद्रीय महासचिव राजेंद्र मेहता, केंद्रीय संगठन सचिव साधु शरण गोप व नुरूल होदा शामिल थे.

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