रांची : पशुपालन विभाग ने नौ करोड़ रुपये की लागत से पशु प्रक्षेत्रों के विकास की योजना तैयार की है. इस राशि से प्रक्षेत्रों की व्यवस्था सुधारी जायेगी.
विभाग ने इसका राज्यादेश जारी कर दिया है. विभाग ने कहा है कि पशुपालन विभाग के अंतर्गत आनेवाले विभिन्न पशु-पक्षी प्रक्षेत्रों को अपनी नियमित गतिविधियों को अमल करने के लिए सुदृढ़ किया जायेगा.
सूकर प्रजनन प्रक्षेत्र, कांके अपने अधीन आनेवाले सूकर प्रक्षेत्रों का लक्ष्य तय करेंगे. इस लक्ष्य की प्राप्ति भी सुनिश्चित करेंगे. दुग्ध आपूर्ति सह गव्य प्रक्षेत्र होटवार एवं क्षेत्रीय कुक्कुट प्रक्षेत्र होटवार को प्राथमिकता के तौर पर आदर्श उत्पादन के सह प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जायेगा.
प्रक्षेत्रों के सफल संचालन के लिए दवा भंडार मद में तय राशि से पशु दवाओं का क्रय पशुपालन निदेशक के तय निर्देश से किया जायेगा. आकस्मिक स्थिति में खरीदी जानेवाली दवा का क्रय योजना सह वित्त विभाग द्वारा दी गयी शक्ति के अनुरूप किया जायेगा.
अनुत्पादक पशुओं की छंटनी होगी : राज्यादेश में कहा गया है कि प्रक्षेत्रों के अनुत्पादक पशुओं की जल्दी से विधिवत छटनी करायी जायेगी. ऐसे पशुओं को नियमानुसार नीलामी करायी जायेगी. इससे प्रक्षेत्र में होनेवाले अनावश्यक खर्च से बचा जा सकेगा. सांड पोषण प्रक्षेत्र गौरियाकरमा हजारीबाग तथा राजकीय पशु प्रक्षेत्र सरायकेला में उपलब्ध सांडों में से आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए राज्य के सभी जिलों में सांडों का वितरण किया जायेगा.
प्रत्येक जिला पशुपालन पदाधिकारी कम से कम दो सांड का नि:शुल्क वितरण करायेंगे. प्रक्षेत्रों में उपलब्ध प्रत्येक पशुओं का इतिहास सूचीबद्ध किया जायेगा. इससे प्रत्येक पशु का अपना पहचान नंबर होगा