रांची : रांची में डाककर्मियों की भारी कमी हो गयी है. इस वजह से स्पीड पोस्ट, रजिस्टर्ड डाक, मनी आर्डर, पीएलसी, वैल्यू पेयेबल पोस्ट्स (वीपीपी) सामग्रियां समेत अन्य वस्तुओं का वितरण समय पर नहीं हो पा रहा है. हालांकि डाकियों को सरकार की तरफ से हाइटेक बना दिया गया है, पर काम की अधिकता की वजह से ये शत-प्रतिशत रिजल्ट नहीं दे पा रहे हैं. एक डाकिया तीन-तीन बीट कवर कर रहे हैं. रांची में एक जीपीओ, प्रधान डाकघर समेत 21 उप डाकघर हैं.
चर्च रोड डाकघर में तो एक ही स्पीड पोस्ट मैनेजर (एसपीएम) के भरोसे डाक सामग्री वितरण का जिम्मा है. रांची जीपीओ में डाकियों की संख्या आधी रह गयी है. कमोबेश यही स्थिति झारखंड डाक लेखा निदेशालय की भी है. यहां पर कुल कर्मी 140 होने चाहिए, पर 36 कर्मियों के भरोसे निदेशालय चल रहा है. निदेशालय में निदेशक का पद छह महीने से खाली पड़ा है.
एक डाकिये के पास कई तरह के काम का बोझ : एक डाकिये के पास मेल पोस्ट की डिलीवरी समेत रजिस्टर्ड डाक, पार्सल, नेत्रहीनों के लिए लाइट रीटर्न पैकेट, समाचार पत्रों की डिलिवरी, अंतरदेशी और पोस्ट कार्ड वितरण, वीपीपी का वितरण, बीमा उत्पादों का वितरण समेत मनी ऑर्डर की राशि की डिलीवरी भी दी गयी है. इसके लिए संबंधित बीट के डाकियों को मोबाइल पर ग्राहकों के हस्ताक्षर भी लेने होते हैं. यह डिजिटल सिग्नेचर ऑनलाइन डाक विभाग के पोर्टल पर अपलोड होता है, जिसकी वजह से डिलिवरी का स्टेटस पता चलता है. सबसे मुश्किल वीपीपी डिलीवरी को लेकर होती है, क्योंकि अधिक उत्पादों की डिलीवरी के बाद पेमेंट का ऑप्शन ग्राहक चुनते हैं. अधिकतर समय पर दिये गये पते पर वीपीपी की डिलीवरी नहीं हो पाती है.
रांची में एक जीपीओ, प्रधान डाकघर समेत 21 उप डाकघर
रांची जीपीओ में डाकियों की संख्या आधी रह गयी, एक डाकिया तीन-तीन बीट कवर कर रहे
चर्च रोड डाकघर में तो एक ही एसपीएम के भरोसे सारी डाक सामग्री वितरण का जिम्मा
140 की जगह सिर्फ 36 कर्मियों के भरोसे निदेशालय, निदेशक का पद छह महीने से खाली
डाकघरों में भी सहायक डाक अधीक्षक के जिम्मे कई काम
डाकघरों में सहायक डाक अधीक्षक के जिम्मे कई काम दे दिये गये हैं. इनमें डायरेक्ट पोस्ट, रीटेल पोस्ट, ई-पेमेंट, रेलवे टिकट रिजर्वेशन, आधार कार्ड अपडेशन, डाक बीमा का काम, गंगा जल वितरण, बिल कलेक्शन, मनरेगा और वृद्धावस्था पेंशन के भुगतान का काम भी है. इस कारण अधिकतर समय पर ऑनलाइन कार्य डाकघरों में नहीं हो पाते हैं. इतना ही नहीं डाक घरों में इंदिरा विकास पत्र, किसान विकास पत्र, डाक घर जमा योजना के खातों को अद्यतन करना और भुगतान का काम भी इन्हें दिया गया है. इन डाक घरों में इनके सहयोग के लिए दो और तीन कर्मी ही हैं, जिन्हें डाक वितरण का काम भी संभालना होता है. डाकघरों में खादी के उत्पाद से लेकर एलइडी बल्ब की बिक्री का काम भी सरकार ने दे रखा है.