रांची : कोतवाली थाना क्षेत्र के श्रद्धानंद रोड निवासी व्यवसायी राम गोपाल अग्रवाल के खाते से फर्जी चेक के जरिये 11 लाख रुपये निकालने की कोशिश की गयी थी.
इस मामले की आरंभिक जांच कोतवाली डीएसपी भोला प्रसाद ने पूरी कर ली. उन्होंने सुपरविजन रिपोर्ट में संदेह जताया है कि इस मामले में व्यवसायी के फार्म में करने वाले किसी कर्मचारी का हाथ हो सकता है. इसलिए उन्होंने केस के आइओ को निर्देश दिया है कि फार्म में काम करने वाले ऐसे लोगों को चिह्नित करें, जो व्यवसायी के बैंक से संबंधित व अन्य लेन देन की जानकारी रखते हो.
क्या है मामला : उल्लेखनीय है कि व्यवसायी ने मामले को लेकर कोतवाली थाना में 11 अप्रैल को प्राथमिकी दर्ज करायी थी. शिकायत में आरोप है कि एसबीआइ मुख्य शाखा में सीसी एकाउंट है. उस खाते से किसी अनजान व्यक्ति ने नौ अप्रैल को आरटीजीएस के लिए चेक बैंक में दिया.
जबकि व्यवसायी के अनुसार उन्होंने संबंधित नंबर का चेक पहले ही एक फार्मा कंपनी को दिया था, जो क्लियर हो चुका है. इसके अलावा किसी को चेक नहीं दिया. उन्होंने बैंक में भी किसी को 11 लाख रुपये आरटीजीएस करने के लिए नहीं भेजा था. व्यवसायी का यह भी आरोप है कि बैंक में जो मोबाइल नंबर दिया है वह नौ अप्रैल से काम करना बंद कर दिया था.
इन बिंदुओं पर भी डीएसपी ने दिया है जांच का आदेश
व्यवसायी के खाते की जांच कर पता करें कि पिछले छह माह में कितनी बार जमा और निकासी हुई. और किन लोगों के द्वारा की गयी. ताकि यह पता लगाया जा सके कि जमा व निकासी की सही जानकारी किन लोगों के पास रहती थी.
बैंक में चेक लेकर आरटीजीएस करने आये व्यक्ति की पहचान बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज से प्राप्त कर करें. चेक बैंक के किस कर्मी के माध्यम से ट्रांसफर किया जाना था. बैंक में जिस टेबल से चेक गुजरा था. उसकी भी पहचान करने का प्रयास करें.
संबंधित मोबाइल कंपनी के पदाधिकारी से मिल कर यह पता करे कि शिकायतकर्ता का मोबाइल नंबर बंद कर किस परिस्थिति में दूसरे को वही नंबर पोस्टपेड कनेक्शन के रूप में दिया गया. मोबाइल कंपनी के कर्मियों की भी जांच करें.