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मौत भूख से नहीं, पर राशन व पेंशन से वंचित थे सुदामा
रांची : मुरहू प्रखंड के कोदाकेल गांव के 60 वर्षीय सुदामा पांडेय की भूख जनित बीमारी से हुई मौत की खबर 27 मई को प्रकाशित हुई थी. खबर में यह जिक्र था कि सुदामा पांडेय मानसिक रूप से विकलांग थे तथा उनकी देख-रेख करने वाला कोई नहीं था. सुदामा के पास राशन कार्ड नहीं था, […]
रांची : मुरहू प्रखंड के कोदाकेल गांव के 60 वर्षीय सुदामा पांडेय की भूख जनित बीमारी से हुई मौत की खबर 27 मई को प्रकाशित हुई थी. खबर में यह जिक्र था कि सुदामा पांडेय मानसिक रूप से विकलांग थे तथा उनकी देख-रेख करने वाला कोई नहीं था. सुदामा के पास राशन कार्ड नहीं था, लेकिन उन्हें डेढ़ महीने पहले तक राशन मिल रहा था.
इस खबर के आधार पर भोजन के अधिकार अभियान का तथ्य अन्वेषण दल रविवार को कोदाकेल गया. दल ने यह पाया कि सुदामा पांडे की मौत भूख से नहीं हुई थी. उनके भाइयों के परिवारों द्वारा उन्हें नियमित रूप से भोजन दिया जाता था तथा उनकी देख-रेख की जाती थी. वह मृत्यु के कई दिनों पहले से बीमार थे व कमजोर हो गये थे.
आधार कार्ड के अनुसार, उनकी उम्र 65 वर्ष थी. दरअसल सुदामा अपने राशन व पेंशन से वंचित थे. उनके भाइयों के परिवारों ने उनके लिए राशन कार्ड का आवेदन दिया था, लेकिन उनका कार्ड नहीं बना.
उनके एक भतीजे ने बैंक अॉफ इंडिया की मुरहू शाखा में उनका खाता खुलवाने का प्रयास किया था, पर कई कोशिशों के बाद भी यह काम नहीं हुआ. बैंक खाता नहीं होने से सुदामा वृद्धा पेंशन से भी वंचित थे.
उनके रिश्तेदारों के अनुसार, अगर उनको पेंशन मिलती, तो उनकी बेहतर देखभाल हो पाती. दल को उस गांव में सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों के कार्यान्वयन में भी कई गड़बड़ियां मिली. दल ने पब्लिक फिनांस मैनेजमेंट सिस्टम की वेबसाइट में उनके पेंशन भुगतान के बारे में पता किया, तो पाया कि अक्तूबर से उनकी पेंशन राशि उनके आधार संख्या से जुड़े एयरटेल पेमेंट बैंक में जा रही है.
गांव के राशन कार्डधारियों ने राशन डीलर सुमित्रा देवी के विरुद्ध भी शिकायत की. उनका कहना था कि डीलर हर कार्ड पर दो किलो चावल कम देकर पूरा पैसा लेते हैं.
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