अश्विनी चौबे ने कहा, एमसीआइ कई बार अनावश्यक निर्णय भी लेता है
रांची : केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि झारखंड के तीन नये मेडिकल कॉलेजों को मेडिकल काउंसिल अॉफ इंडिया (एमसीआइ) से संबद्धता के लिए वे शुक्रवार की रात फैसला करेंगे. तीन-चार दिन पहले इससे संबंधित संचिका उनके पास आयी थी, जिसमें एमसीआइ ने पलामू, हजारीबाग व दुमका में बन रहे नये मेडिकल कॉलेजों को संबद्धता देने से मना कर दिया है.
इधर, राज्य के स्वास्थ्य मंत्री व अधिकारी तथा मुख्यमंत्री भी चाहते हैं कि इन कॉलेजों में पढ़ाई शुरू हो. सीएम रघुवर कह रहे थे, वह प्रधानमंत्री से भी इस बारे में बात करेंगे. स्टेट गेस्ट हाउस में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में मंत्री ने कहा कि उन्होंने अपने सचिव को महाधिवक्ता से बात करने को कहा है.
शुक्रवार रात ही मैं फिजी व अन्य देशों की यात्रा पर जा रहा हूं. इसलिए अपने सचिव से कहा है कि वह दिल्ली एयरपोर्ट पर ही संचिका लेकर चले अायें. वहां महाधिवक्ता की राय के मुताबिक मैं इस मुद्दे पर निर्णय लूंगा.
पीएमसीएच की सीटें बढ़ाने का करेंगे प्रयास : श्री चौबे ने कहा कि एमसीआइ कई बार अनावश्यक फैसले भी कर लेता है. पीएमसीएच में सीटें बढ़ाने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि वह इसका प्रयास करेंगे. चिकित्सकों द्वारा दवाअों के जेनेरिक नाम न लिखे जाने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि सरकार चिकित्सकों को इसके लिए बाध्य करेगी. इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त सचिव सुधीर रंजन, रिम्स के निदेशक व एनएचएम से जुड़े लोग उपस्थित थे.
देश भर के एम्स में अायुष व योग से भी होगा उपचार
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार देश को 20 एम्स दे रही है. अटल जी ने छह दिया था. नरेंद्र भाई 14 दे रहे हैं. इनमें से छह 2019 तक बन जायेंगे. शेष आठ 2021-22 तक. उन्होंने कहा कि देश भर के एम्स में अायुष व योग से भी रोगों का इलाज होगा.
देश भर की स्वास्थ्य सुविधा पर कहा
देश के सभी जिलों में बीपीएल मरीजों के लिए लागू होगा प्रधानमंत्री नेशनल डायलिसिस प्रोग्राम.
अमृत योजना के तहत 400 प्रकार की दवाअों की कीमतें निर्धारित की गयीं.
देश भर में स्वास्थ्य मेले का आयोजन होगा. इसका नारा होगा चिकित्सा व चिकित्सक आपके द्वार.
टाटा ट्रस्ट के सहयोग से देश भर में एल-वन, यू व थ्री स्तर की कैंसर जांच व चिकित्सा केंद्र बनेंगे.
घुटना प्रत्यारोपण, स्टेंट, बाइपास सर्जरी व वॉल्व रिप्लेसमेंट सहित 1352 प्रकार की स्वास्थ्य सेवाअों के लिए दर निर्धारित