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खाली ही रह गया टेंडर बॉक्स, तो रद्द हो गयी हरमू फ्लाइ ओवर की निविदा, नहीं आयी कोई कंपनी, 18 मई को थी आखिरी तारीख
सुनील चौधरी रांची : नगर विकास विभाग की कंपनी जुडको की ओर से कहा गया कि हरमू फ्लाइ ओवर के लिए निर्माण के लिए 17 अप्रैल 2018 को निविदा निकाली गयी थी. इसकी अंतिम तिथि 18 मई थी. निविदा के लिए प्राक्कलित राशि 123.64 करोड़ थी. अब निविदा रद्द कर दी गयी है. नये सिरे […]
सुनील चौधरी
रांची : नगर विकास विभाग की कंपनी जुडको की ओर से कहा गया कि हरमू फ्लाइ ओवर के लिए निर्माण के लिए 17 अप्रैल 2018 को निविदा निकाली गयी थी. इसकी अंतिम तिथि 18 मई थी. निविदा के लिए प्राक्कलित राशि 123.64 करोड़ थी. अब निविदा रद्द कर दी गयी है. नये सिरे से डिजाइन पर चर्चा करने के बाद ही निविदा निकाली जायेगी.
गौरतलब है कि पूर्व में हरमू फ्लाइ ओवर के निर्माण के लिए मुंबई की कंपनी सुप्रीम इंफ्रा को टेंडर मिला था. कंपनी को 27.4.2017 को कार्यादेश भी दे दिया गया था. 130 करोड़ की लागत से फ्लाइ ओवर का काम होना था. करीब एक साल बाद जुडको को पता चला कि यह कंपनी झारखंड के पथ निर्माण विभाग में पहले से डिबार थी. इसके बाद आनन-फानन में टेंडर रद्द कर कंपनी द्वारा सिक्यूरिटी राशि के रूप में जमा किये गये 2.6 करोड़ रुपये जब्त कर लिये गये थे.
नये सिरे से डिजाइन पर चर्चा करने के बाद तीसरी बार निकाला जायेगा टेंडर
जमीन का अधिग्रहण नहीं होने के कारण आगे नहीं आ रही कंपनियां
हरमू फ्लाइ ओवर की कुल लंबाई 2.34 किमी, चौड़ाई 16.6 मीटर है. इसके लिए हरमू रोड में रैयती जमीन का अधिग्रहण किया जाना है. अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई थी, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध से काम अागे नहीं बढ़ सका.
इधर, राजभवन द्वारा फ्लाइ ओवर के लिए राजभवन का कुछ हिस्सा लिये जाने पर एतराज जताया गया था. तब मुख्यमंत्री ने डिजाइन में संशोधन का आदेश दिया था. हालांकि, बिना सारी प्रक्रिया पूरी किये हुए दोबारा टेंडर निकाल दिया गया. जमीन की अनुपलब्धता के कारण ही कंपनियों ने नये सिरे से निकाले गये टेंडर में रुचि नहीं दिखायी.
रातू एलिवेटेड रोड से फंसेगा पेच नये सिरे से बनाना होगा डिजाइन
एनएचएआइ द्वारा कचहरी चौक से पिस्का मोड़ तक एलिवेटेड रोड के लिए टेंडर जारी कर दिया गया है. जानकार बताते हैं कि यह एलिवेटेड रोड रातू रोड चौक से होकर गुजरेगा. तब ऐसी स्थिति में राजभवन से हरमू फ्लाई ओवर की ऊंचाई बढ़ानी होगी.
तब यह फ्लाइ ओवर राजभवन के बजाय मुख्यमंत्री आवास के समीप से उठाना होगा. विशेषज्ञ मानते हैं कि तकनीकी रूप से यह संभव नहीं हो सकेगा. इसके लिए नये सिरे से डिजाइन बनाना होगा. वहीं नगर विकास विकास विभाग के सूत्रों ने भी कहा कि इसके लिए अब एनएचएआइ और सरकार के बीच उच्चस्तरीय बैठक करनी होगी. तभी कुछ रास्ता निकल सकेगा.
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