रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मलय और अन्नराज जलाशय योजना से पलामू और गढ़वा के 147 गांव लाभान्वित होंगे. खेतों में पानी पहुंचेगा और किसान की आय बढ़ेगी. सुखाड़ से भी पलामू के लोगों को निजात मिलेगी. सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृतसंकल्प है.
उक्त बातें उन्होंने बुधवार को मलय (पलामू) और अन्नराज (गढ़वा) जलाशय योजना की सिंचाई क्षमता को पुर्नबहाल करने एवं नहर का पुनरुद्धार करने की योजना का ऑनलाइन शिलान्यास के मौके पर कही. उन्होंने कहा कि मलय जलाशय योजना के पुनर्बहाल होने से पलामू जिला के सतबरवा प्रखंड के 27 गांव, मेदिनीनगर प्रखंड के 42 गांव एवं लेस्लीगंज प्रखंड के 36 गांवों को लाभ होगा. कुल एक लाख 55 हजार लोगों को सिंचाई की सुविधा मिल पायेगी. मलय मुख्य नहर के डैम की मरम्मत एवं अन्य क्षतिग्रस्त संरचनाओं का जीर्णोद्धार किया जायेगा. अन्नराज जलाशय योजना के पुनरुद्धार होने से गढ़वा जिले के 42 गांवों के 4632 हेक्टयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी.
पुनरुद्धार एवं क्षतिग्रस्त नहर का लाइनिंग कार्य 84.68 करोड़ रुपये की लागत से होगा. अन्नराज मुख्य नहर के 14.812 किमी एवं आद्रा मुख्य नहर के 12 किमी तक पुनरुद्धार एवं लाइनिंग कार्य करते हुए हेड रेगुलेटर, सीडी संरचना, आउटलेट तथा बीच में अवस्थित पुल का निर्माण एवं मरम्मत भी होगा.
सांसद-विधायक ने सीएम को दी बधाई : ऑनलाइन शिलान्यास के अवसर पर वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से पलामू के सांसद बीडी राम और स्थानीय विधायक आलोक चौरसिया ने मुख्यमंत्री श्री दास को बधाई दी. श्री राम ने कहा कि पलामूवासियों के लिए आज का दिन बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है.
मलय एवं अन्नराज जलाशय योजना का शिलान्यास होने से पलामू के किसानों में एक नयी ऊर्जा का संचार हुआ है. इस मौके पर मुख्य सचिव सुधीर त्रिपाठी, जल संसाधन विभाग के अपर मुख्य सचिव डीके तिवारी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ सुनील कुमार वर्णवाल भी मौजूद थे.
पलामू और गढ़वा में सिंचाई सुविधा का होगा विस्तार
मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि पलामू एवं गढ़वा जिले के साथ पूरे राज्य में सिंचाई योजनाओं का तीव्र विकास करना सरकार की प्राथमिकता है.
15 सिंचाई योजनाओं के पुनरुद्धार का कार्य 637 करोड़ रुपये की लागत से स्वीकृत किया गया है. इस वित्तीय वर्ष में 22 सिंचाई योजनाओं पर 414 करोड़ रुपये खर्च किये जायेंगे. इससे 23520 हेक्टयर भमि की सिंचाई हो पायेगी. पलामू प्रमंडल में 14 पुरानी सिंचाई योजना का पुनरुद्धार कार्य किया जा रहा है.
इसके अतिरिक्त कनहर सिंचाई परियोजना के डीपीआर पर सीडब्ल्यूसी की सहमति प्राप्त कर ली गयी है. 1903 करोड़ की लागत से बननेवाली वाली इस परियोजना का कार्यान्वयन हो जाने पर गढ़वा जिला में 53,000 हेक्टेयर भूमि का पटवन हो सकेगा.