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झारखंड : ‘हिट एंड रन’ में मृतक के परिजन और घायल को मिलेगा मुआवजा

सरकार की अधिसूचना पर जिला प्रशासन ने जारी किया आदेश रांची : सड़क पर किसी वाहन के टक्कर मार कर भाग जाने और इस दौरान व्यक्ति की मौत या घायल हो जाने पर अब उन्हें मुआवजा मिलेगा. सरकार ने इसकी व्यवस्था की है. हिट एंड रन मामले में मृतक के परिजनों को 25 हजार और […]

सरकार की अधिसूचना पर जिला प्रशासन ने जारी किया आदेश
रांची : सड़क पर किसी वाहन के टक्कर मार कर भाग जाने और इस दौरान व्यक्ति की मौत या घायल हो जाने पर अब उन्हें मुआवजा मिलेगा. सरकार ने इसकी व्यवस्था की है.
हिट एंड रन मामले में मृतक के परिजनों को 25 हजार और घायलों को 12, 500 रुपये का मुआवजा मिलेगा. सरकार की ओर से इस संबंध में अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है. अधिसूचना के आलोक में रांची जिला प्रशासन ने भी इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है.
राज्य के परिवहन विभाग ने सड़क दुर्घटनाओं के आंकड़े लेकर इसका विश्लेषण किया था. इस दौरान पाया गया कि सबसे अधिक हिट एंड रन के मामले आते हैं. कई बार वाहन से किसी व्यक्ति को टक्कर मारने के बाद वाहन चालक फरार हो जाता है. किसी परेशानी में फंसने की डर से लोग घायल को अस्पताल ले जाना नहीं चाहते हैं.
नतीजा यह होता है घायल व्यक्ति की मृत्यु भी हो जाती है. उन्हें किसी प्रकार का मुआवजा भी नहीं मिलता है. अज्ञात स्थान पर दुर्घटना होने पर वाहन चालकों को पकड़ने में भी परेशानी होती है.
मुआवजे के लिए अनुमंडल कार्यालय में देना होगा आवेदन
हिट एंड रन के मामले में मुआवजा लेने के लिए मृतक के परिजनों और घायलों को अनुमंडल कार्यालय में आवेदन देना होगा. उसके साथ संबंधित दस्तावेज भी देने होंगे.
दस्तावेजों में थाना में दर्ज एफआइआर की प्रतिलिपि, मृत्यु के मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट, मृत्यु प्रमाणपत्र की प्रतिलिपि, गंभीर रूप से घायल होने पर चिकित्सा का प्रमाण पत्र, आवेदनकर्ता का प्रमाणपत्र(आधार कार्ड) व बैंक पासबुक की प्रतिलिपि के साथ आवेदन देना होगा.
सुप्रीम कोर्ट ने गठित की थी कमेटी
सड़क सुरक्षा संबंधी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन तथा इसकी मॉनिटरिंग के लिए सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी (सुप्रीम कोर्ट कमेटी अॉन रोड सेफ्टी) का गठन किया था. यह कमेटी झारखंड सहित देश के सभी राज्यों के सड़क सुरक्षा कार्यक्रमों की मॉनिटरिंग कर रही थी. इस कमेटी ने वर्ष अप्रैल 2017 में परिवहन सचिव को लिखे पत्र में झारखंड में सड़क सुरक्षा संबंधी कार्यक्रमों पर नाराजगी व चिंता जतायी थी.
पत्र में लिखा गया था कि झारखंड में हिट एंड रन केस अधिक है. इसलिए ऐसे मामलों में सड़क दुर्घटना के पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए एक फंड गठित करना चाहिए, पर अब तक ऐसा नहीं किया गया है. हिट एंड रन केस वह है, जिसमें वाहन चालक किसी को धक्का मार कर भाग जाता है.
कमेटी के सचिव एसडी बंगा ने लिखा था कि राज्य में वर्ष 2015 के दौरान हुई सड़क दुर्घटना में कुल 2893 लोगों की जान गयी थी. वहीं वर्ष 2016 में यह आंकड़ा बढ़ कर 3027 हो गया.
वर्ष 2017 की पहली तिमाही (जनवरी से मार्च) में ही इस आंकड़े में वर्ष 2016 की तुलना में चार फीसदी की वृद्धि हो गयी थी. कमेटी ने इस पर अफसोस जाहिर किया था. गौरतलब है कि झारखंड गठन के बाद से अब तक सड़क दुर्घटना में 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

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